‘उत्तराखंड फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट’ ने 10वें संकल्प ग्लोबल समिट में भागीदारी
देहरादून ( आखरीआंख समाचार ) ,जेआइसीए समर्थित ‘उत्तराखंड फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट प्रोजेक्ट‘(यूएफआरएमपी) की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट ने ‘संकल्प ग्लोबल समिट‘ में भागीदारी की पहल की है। 10वें ग्लोबल समिट की थीम थी 5 प्रमुख सेक्टर्स में 3 बिलियन वंचित आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिये एन्टरप्राइज इकोसिस्टम का निर्माण करना। इन सेक्टर्स में आजीविका,कृषि, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई और वित्तीय समावेशन शामिल हैं।
श्री विनीत एस. सरीन, ऐडिशनल चीफ डेवलपमेंट स्पेशियलिस्ट, जेआइसीए इंडिया ने समिट में यूएफआरएमपी द्वारा आयोजित ‘को-क्रिएटिंग एन्टरप्राइज इकोसिस्टम टु कैटालिस्ट रूरल इकोनॉमी इन उत्तराखंड’ पर सत्र में भाग लिया। इसका प्रमुख उद्देश्य समुदाय आधारित संगठनों में प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट्स के लिये एन्टरप्रेन्योर्स, फाउंडेशन्स और सोशल इम्पैक्ट इंवेस्टर्स के साथ भागीदारी को एक्सप्लोर करना, इनोवेटिव फाइनेंसिंग मैकेनिज्म को ढूंढना, नैचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट इन्वेस्टमेंट्स के लिये तकनीक आधारित हस्तक्षेप करना और उत्तराखंड में जेआइसीए फाइनेंस्ड प्रोजेक्ट के अंतर्गत मार्केट को जोड़ना है।
इस सत्र में लगभग 100 लोगों की भागीदारी देखी गई, जिनमें एन्टरप्रेन्योर्स, इम्पैक्ट इंवेस्टर्स, फाउंडेशन्स, प्राइवेट बैंक,एनबीएफसी और सोशल इम्पैक्ट इंवेस्टर्स शामिल थे। प्रतिभागियों के डेलिबेरेशन्स और सक्रिय दिलचस्पी ने भारत में जेआइसीए समर्थित फॉरेस्ट्री और लाइवलीहूड प्रोजेक्ट्स की पोस्ट प्रोजेक्ट स्थायित्वपूर्णता सुनिश्चित की।
श्री सरीन ने भारत में अपनी फॉरेस्ट्री सेक्टर पोर्टफोलियो की संक्षिप्त जानकारी दी और यह भी बताया कि वे इस पहल के सामर्थ्य को एक्सप्लोर करने के लिये बेहद इच्छुक है, जोकि न सिर्फ यूआरएफएमपी के अंतर्गत, बल्कि भारत के 14 राज्यों में सभी जेआइसीए समर्थित फॉरेस्ट्री प्रोजेक्ट्स में आजीविका हस्तक्षेपों की स्थायित्वपूर्णता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी के प्रभाव को कम करने या समाप्त करने में मदद मिल सके। इस तरह जेआइसीए समर्थित फॉरेस्ट्री प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत निवेशकों के लिये पर्याप्त सामर्थ्य था। इस संबंध में,जेआइसीए ने यूएफआरएमपी से उत्तराखंड में बाद में इच्छुक प्रतिभागियों के साथ अधिक विस्तृत सत्र आयोजित करने का अनुरोध किया है। जेआइसीए बाद के सत्रों के परिणाम जानने के लिये तत्पर है और इस पहल को आगे बढ़ाने के लिये यूएफआरएमपी के लाइवलीहूड कम्पोनेंट के अंतर्गत जो भी सुधार किये जाने की जरूरत है, जेआइसीए द्वारा किये जायेंगे।