May 11, 2024

कर्नाटक में कांग्रेस ही किंग, काउंटिंग सेंटर से ही एयरलिफ्ट होंगे एमएलए – 5 स्टार होटल में 50 कमरे बुक


बेंगलुरू । कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं। 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है। पार्टी 119 सीटों पर आगे है। वहीं, बीजेपी 72 सीटों पर आगे है। जबकि जेडीएस 26 पर आगे है।
इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस किसी भी अनहोनी से बचने के लिए पहले से ही तैयारी में जुट गई है। रुझानों में तो कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है लेकिन अभी ये रुझान ही है। कांग्रेस किसी भी सूरत में ऑपरेशन कमल को सफल नहीं होना दे चाहती। देश के कई राज्य उदाहरण जहां कांग्रेस सत्ता के नजदीक होते हुए भी सफल नहीं हो पाई।
जीत की आशंका होते ही आलाकमान पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। कांग्रेस ने विधायकों से आज ही बेंगलुरू पहुंचने को कहा गया है। विधायकों को एकजुट करने के लिए कांग्रेस विधायकों को अलग-अलग स्थानों से लेने के लिए हेलिकॉप्टर और फ्लाइट लगाई गई हैं। मतदान केंद्रों से ही विधायकों को सीधे हेडचर्टर ले जाने के आदेश हुए हैं। ताकि बीजेपी उनसे संपर्क ही न कर पाए। जहां पर वोटों की गिनती हो रही है वहां पर कांग्रेस के सीनियर लीडर्स तैनात हैं। किसी भी सूरत में एक भी विधायक न टूटे इसके लिए कांग्रेस का पूरा प्लान पहले से तैयार है।
बीते कुछ सालों में चाहे गोवा हो या उत्तराखंड या खुद कर्नाटक। ऑपरेशन कमल का दंश कांग्रेस झेल ही रही है। इस बार कांग्रेस ने पहले से ही इसका इंतजाम कर लिया था। इस ऑपरेशन का नाम दिया गया था हस्था। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ही पूरा किला तैयार किया था। खरगे का गृहराज्य कर्नाटक ही है। इसलिए पार्टी ने घेराबंदी की पूरी जिम्मेदारी खरगे को ही सौंपी थी। दिग्गज नेताओं की फौज इसके लिए लगा दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, बीके हरिप्रसाद जैसे नेता ऑपरेशन हस्था के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
बताते चलें कि ऑपरेशन लोटस का नाम सुनते ही कांग्रेस के कान खड़े हो जाते हैं। कांग्रेस कई राज्यों में इसकी भुग्तभोगी है। दरअसल, जब भी किसी राज्य में चुनाव होते हैं और वहां पर जीत-हार में बारीक सा अंतर होता है वहां पर बीजेपी का प्लान शुरू हो जाता है। बीजेपी जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने में माहिर है। वो दूसरे विधायकों को अपने खेमें में मिलाकर सरकार बना ले जाती है। कर्नाटक खुद भी इसका शिकार हो गया था। जब कांग्रेस जेडीएस की सरकार गिराकर बीजेपी ने सरकार बना ली थी। गोवा में भी ऐसा ही हुआ था।