लक्ष्मण मंदिर के कपाट खुल रहे 20 मई को
चमोली। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में एक ऐसा भी स्थान है। जहां त्रेता युग में भगवान राम के अनुज वीरजती लक्ष्मण ने घोर साधना की थी। आज भी यह स्थान लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के रूप में जाना जाता है। हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी क्षेत्र में भगवान लक्ष्मण की साधना तप स्थली लोकपाल तीर्थ का दर्शन सनातन धर्म में पुण्य माना जाता है। लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी 20 मई को खुलेंगे। बद्रीनाथ मंदिर के पूर्व धर्माधिकारी पंडित भुवन चंद्र उनियाल बताते हैं लोकपाल तीर्थ लक्ष्मण मंदिर के दर्शन से शक्ति, शौर्य और भगवान के प्रति श्रद्धा का विनम्र भाव जागृत होता है। मान्यता है कि जब लक्ष्मण ने इस स्थान पर घोर तप और साधना की। तो उनकी साधना से प्रसन्न होकर देवताओं ने स्वर्ग से फूलों की वर्षा की। और वही फूल नन्द कानन वन में उगे।