October 31, 2024

आज से बदल जाएंगे जरूरी नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा असर


नई दिल्ली ,। जून माह की शुरुआत हो गई है। इसी के साथ ही आम लोगों को आज से कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बैंक, आईटीआर और एलपीजी सिलेंडर समेत कई नियमों में बदलाव होने जा रहा हैं। इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ सकता है। इसके अलावा देश के करोड़ों ईपीएफओ खाताधारकों के लिए नियमों में बदलाव होने जा रहा है। नियमों के मुताबिक, सभी ईपीएफ खाताधारकों को अपना पीएफ अकाउंट से आधार कार्ड लिंक कराना जरूरी है।
अगर आपने अभी तक आधार को पीएफ अकाउंट से लिंक नहीं कराया तो आपको कई तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। ईपीएफओ की ओर से इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके अलावा आईटीआर भरने वालों के लिए भी इनकम टैक्स विभाग नई आईटीआर वेबसाइट 7 जून को लांच करेगा। यानी 1 से 6 जून तक आप इस वेबसाइट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। आपको इनकम टैक्स दाखिल करने के लिए नई वेबसाइट द्बठ्ठष्शद्वद्गह्लड्ड&द्दश1.द्बठ्ठ पर जाना होगा और आप इसे 6 दिनों तक इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। आयकर विभाग की ई-फाइलिंग सर्विस 6 दिन काम नहीं करेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा भी नियमों में बदलाव करने जा रहा है। अगर आपका भी इस सरकारी बैंक में अकाउंट है तो पहली तारीख से बैंक चेक भुगतान के तरीके में बदलाव करने जा रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि अगर किसी ग्राहक ने 2 लाख रुपए का चेक जारी किया है तो ग्राहक को पहले अपने चेक की डिटेल कन्फर्म करनी होगी। नहीं तो वह परेशानी में आ जाएंगे।
वहीं सरकार स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में भी बदलाव कर सकती है। केंद्र सरकार हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा करती है। 30 जून से नई ब्याज दरें फिर से लागू हो जाएंगी।
12 मई को, सेंट्रल बैंक ने बैंकों के लिए ‘100 दिन 100 भुगतान’ अभियान की घोषणा की, ताकि ‘100 दिन’ के भीतर देश के हर जिले में प्रत्येक बैंक के सबसे ज्यादा ‘100 लावारिस जमा’ का पता लगाया जा सके और उसका निपटारा किया जा सके। इस अभियान के तहत बैंक देश के हर जिले में 100 दिनों के भीतर प्रत्येक बैंक की शीर्ष 100 लावारिस जमा राशि का पता लगाएंगे और उनका निपटान करेंगे।
ष्ठत्रस्नञ्ज ने एक नोटिस में कहा है कि खांसी की दवाई के निर्यातकों को 1 जून से प्रभावी प्रोडक्ट निर्यात करने से पहले एक सरकारी प्रयोगशाला की ओर से जारी एक प्रमाण पत्र देना होगा। भारतीय फर्मों द्वारा एक्सपोर्ट किए जाने वाले खांसी के सिरप पर विदेशों में गुणवत्ता संबंधी चिंताएं जताए जाने के बीच यह बड़ा फैसला आया है।