नई टिहरी में विस्थापन को लेकर लोगों साथ प्रदर्शन
नई टिहरी। जाखणीधार ब्लाक भिलंगना घाटी के पिपोला खास के ग्रामीणों ने विस्थापन सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को सुमन पार्क से लेकर डीएम कार्यालय तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। मौके पर लोगों ने डीएम कार्यालय का घेराव कर सांकेतिक धरना भी दिया। इस दौरान डीएम को ज्ञापन सौंपकर मांगों पर त्वरित कार्यवाही की मांग की और जेईसी 2023 की रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की। भिलंगना घाटी के ग्राम पिपोला खास के ग्रामीणों ने अपने पुनर्वास व विस्थापन की मांग को लेकर जिला मुख्यालय नई टिहरी में रैली निकाली। ग्रामीणों ने ढोल-दमाऊं के साथ सुमन पार्क से हनुमान चौक-विधि विहार होते हुए डीएम कार्यालय तक जुलूस निकाला। जहां पर बांध प्रभावित गांव की उपेक्षा के लिए नारेबाजी की। स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी उपेक्षा का आरोप लगाया। बांध विस्थपितों-प्रभावितों के अधिवक्ता और विभिन्न न्यायालयों में याचिकाकर्ता शान्ति प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में धरना दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने डीएम व पुनर्वास निदेशक डा. सौरभ गहरवार को ज्ञापन सौंपा। डीएम के समक्ष संयुक्त विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट 2023 को पढ़ कर सुनाया गया। जिसमें दो सदस्यों ने ग्रामीणों के पक्ष में लिखा जबकि चार ने खिलाफ लिखा है। जेईसी की इसी रिपोर्ट से असंतुष्ट होकर पिपोलाखास के लोगों को सड़को पर उतर कर धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। लोगों ने कहा कि जेईसी की रिपोर्ट भेदभावपूर्ण है। पात्रता निर्धारण में नियमों का ठीक से पालन नहीं हुआ, पुनः पात्रताओ का निर्धारण किया जाय। भूमि के बदले भूमि ही दी जाय, जैसी पूर्व हुए इसी ग्राम के निवासियों को दी गई है। जिन मकानों में दरारें आई है और जिनकी स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है, जो घर कभी भी जमींदोज हो सकते है, उनके तत्काल भुगतान किए जाए। टीएचडीसी और निदेशालय संयुक्त रूप से ग्राम पिपोलाखास का विस्थापन्न करे। प्रदर्शनकारियों में सभा को शान्ति प्रसाद भट्ट, कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप पंवार, डा नित्यानंद उनियाल, कुशला नंद भट्ट, विनोद चमोली, ज्योती प्रसाद भट्ट, कविता भट्ट, महिला कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री दर्शनी रावत, पूर्व शहर अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल, ममता उनियाल, आशा रावत, बीना उनियाल, हर्षपति देवी, बसंती देवी, अशरफी देवी, शेर सिंह, चंद्रमोहन भट्ट, कुशला नंद, प्रवीन, सुब्ध्यानी, चंद्रा देवी, शांति देवी, रोशनी देवी, शशी भट्ट, मंजू देवी, लक्ष्मी देवी, रूकमणी सहित दर्जनों मौजूद रहे।