November 22, 2024

साहित्य और संगीत पर अल्मोड़ा में अपनी तरह का पहला आयोजन है अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल


अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर के ऐतिहासिक मल्ला महल (पुराना कलेक्ट्रेट) के प्रांगण में 30 जून से 02 जुलाई तक आयोजित होने अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल के प्रथम संस्करण की तैयारियां अपने चरम पर हैं। अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल के बारे में बताते हुए प्रेस वार्ता में ग्रीनहिल्स ट्रस्ट की डॉ वसुधा पंत ने बताया कि अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल का उद्देश्य वैश्विक साहित्यिक और संगीत परिदृश्य में उत्तराखंड के समृद्ध योगदान को प्रदर्शित करना है। लिटरेचर फेस्टिवल में सम्मानित लेखकों, पत्रकारों, संगीतकारों, इतिहासकारों और फोटोग्राफरों की एक प्रभावशाली श्रृंखला है। उत्सव के प्रत्येक दिन की शुरुआत शास्त्रीय संगीत के साथ होगी। कार्यक्रमचर्या पर उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के शुभारम्भ में पहले दिन पं. उदय भवालकर द्वारा ध्रुपद गायन, दूसरे दिन पद्मश्री बसंती बिष्ट के जागर गायन और तीसरे दिन डॉ. रवि जोशी द्वारा हिंदुस्तानी सगुण निर्गुण पद की गायन प्रस्तुति होगी। प्रत्येक दिन का समापन सम्राट पंडित द्वारा ठुमरी गायन से और समापन दिवस पर प्रसिद्ध कुमाऊँनी गायक बीके सामंत का रंगारंग कार्यक्रम होगा। हिमांशु बाजपेयी दास्तानगोई की प्राचीन कला के माध्यम से 1925 की काकोरी ट्रेन डकैती को जीवंत करेंगे। प्रतिष्ठित वक्ता और लेखक विचार रखेंगे। कविता, साहित्य, इतिहास, संस्कृति और रंगमंच जैसे विभिन्न विषयों पर आकर्षक चर्चाएं होंगी। उन्होंने बताया कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड और पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी उत्तराखंड की राजनीति पर अपने विचार रखेंगे। पाठकों और लेखकों के लिए, यह महोत्सव “सौ साल शिवानी के” सहित कई सत्र होंगे, जो विपुल महिला-केंद्रित 20वीं सदी की लेखिका शिवानी की जन्म शताब्दी पर आधारित होगा। कार्यक्रम में उपस्थित लोग भारतीय काव्यशास्त्र, अंग्रेजी साहित्य और उर्दू कविता पर चर्चा में भाग लेंगे। वहीं एक विशेष पुस्तक विमोचन में उत्तराखंड के एक उल्लेखनीय शिक्षक एवं लोक विज्ञानी चन्द्रशेखर लोहुमी के बारे में कहानियां प्रदर्शित की जाएंगी। अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल में बच्चों की कहानी लेखन क्षमता निखारने को कार्यशाला भी आयोजित होगी जिसमें उन्होंने बच्चों से भाग लेने की अपील की है। डॉ वसुधा पंत ने कहा साहित्य और संगीत पर तीन दिवसीय यह कार्यक्रम अल्मोड़ा नगर में अपनी तरह का यह अनूठा आयोजन है। इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात अल्मोड़ा के पूर्व गौरव को पुनर्जीवित करना है। महोत्सव में प्रवेश निःशुल्क है और सभी के लिए खुला है। मनोरम चर्चाओं और प्रदर्शनों में भाग लेने के अलावा, आगंतुक साइट पर किताबों की दुकान पर विविध प्रकार की पुस्तकों का पता लगा सकते हैं, एक फोटो प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं, और कहानी लेखन कार्यशाला में भाग ले सकते हैं। महोत्सव में सभी के लिए और खासतौर से बच्चों के लिए प्रतिदिन नक्षत्र एवं ग्रह दर्शन का आकर्षण भी है साथ ही उनके लिए एक समर्पित स्थान भी होगा, जिसमें बच्चों के लिए साहित्य, कहानी कहने के मंत्र और आकर्षक रचनात्मक गतिविधियों और कार्यशालाएं पेश की जाएंगी। अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल के मुख्य प्रायोजक ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, यूकॉस्ट, जीबी पंत पर्यावरण संस्थान और एलएससी इन्फ्राटेक हैं। साथ ही उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड पर्यटन विभाग और अल्मोड़ा होटल एसोसिएशन इस आयोजन के विशिष्ट सहयोगी हैं। अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल का आयोजन ग्रीनहिल्स ट्रस्ट द्वारा अनकामनसेन्स फिल्म्स, होटल शिखर, अल्मोड़ा किताब घर और स्टूडियो बार्डो के सहयोग से कराया जा रहा है। यहाँ पत्रकार वार्ता में डॉ वसुधा पंत के साथ दीपा गुप्ता, जयमित्र बिष्ट, विनायक पंत, बी एस वल्दिया और यूकॉस्ट से सुभाष सिंह नेगी मौजूद रहे।

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