November 22, 2024

हिमाचल में जबरदस्त आपदा : धार्मिक स्थलों में अरबों की नकदी तो सोने व चांदी से भरे भंडार, जाने किस मंदिर में कितने ?


 ऊना ।  हिमाचल प्रदेश में जबरदस्त प्राकृतिक आपदा है। असंख्य लोगों के आशियाने बाढ़, भूस्खलन और आपदा की भेंट चढ़ गए हैं। सैंकड़ों लोगों की असामयिक दुखद मौत हुई है। पहाड़ी राज्य के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि वह अपने बलबूते पर इतने प्रभावित लोगों के जख्मों पर मरहम लगा पाए। अपने संसाधनों के साथ केंद्र की तरफ भी नजरें लगी हैं और उम्मीद की जा रही है कि केंद्र कोई पैकेज दे जिससे लोगों को फिर बसाया जा सके। पर्यटन एक बड़ा हिमाचल की जी.डी.पी. में अपना योगदान देता है। इसके अतिरिक्त सेब, सब्जियां और दूसरे कई साधनों के जरिए भी प्रदेश की आर्थिकी टिकी हुई है। वर्ष 2002 में हुए औद्योगिक पैकेज के ऐलान ने भी हिमाचल को औद्योगिक पथ पर बढ़ाया और इसका भी प्रदेश की आर्थिकी सेहत में इजाफा करने में योगदान दिया है।
देवी-देवताओं की इस भूमि में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भी बड़ी आस्था है। प्रदेश के सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर व्यवस्थित किए जा रहे मंदिरों में अरबों रुपए का खजाना मौजूद है। सोने-चांदी से मंदिरों के खजाने भरे हुए हैं तो नकदी के रूप में भी यहां अपार भंडार मौजूद हैं। निश्चित रूप से यह श्रद्धालुओं द्वारा दी गई भेंट है। प्रदेश के जो मंदिर सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे हैं उनके आंकड़े ही गवाह हैं कि श्रद्धालुओं की कितनी आस्था यहां मौजूद है और कितना खजाना इन मंदिरों में मौजूद है। आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 7 सरकार द्वारा संचालित एवं व्यवस्थित मंदिर ट्रस्टों के पास 2 से अढ़ाई अरब रुपए नकदी या एफ.डी.आर. के रूप में मौजूद हैं। इसके अतिरिक्त 528 किलो सोना तथा 20,579 किलो चांदी भी है। एफ.डी.आर. की बात करें तो मंदिरों के पास 1 अरब 17 करोड़ रुपए से अधिक की एफ.डी.आर. तो 1 अरब 25 करोड़ से अधिक की राशि नकदी के रूप में मौजूद है।
निजी तौर पर भी संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं अनेक धार्मिक स्थल
क्या आपदा के समय धार्मिक स्थलों में मौजूद इस अपार खजाने से पीड़ित लोगों की मरहम पट्टी की जा सकती है, इस पर भी अब चर्चा शुरू हुई है। आंकड़े तो केवल सरकार द्वारा व्यवस्थित मंदिरों के ही हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे कई धर्म स्थल हैं जो निजी संस्थाओं, ट्रस्टों एवं समूहों द्वारा संचालित किए जाते हैं जिनमें काफी अधिक श्रद्धालुओं द्वारा भेंट की गई धन संपदा है। क्या प्रदेश के यह धार्मिक स्थल ऐसी आपदा की घड़ी में राज्य के लोगों को राहत पहुंचा सकते हैं, यह एक बड़ा विषय है।
किस मंदिर में कितनी राशि, सोना-चांदी व एफ.डी.आर.
ज्वालामुखी मंदिर में 47 किलो सोना जबकि 199 किलो चांदी श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई है। करीब 29 करोड़ की एफ.डी.आर. मौजूद है। इसके अलावा करीब 1 करोड़ रुपए सेविंग अकाऊंट में भी उपलब्ध हैं। मंदिर न्यास श्री नयनादेवी जी के खजाने में 2 किं्वटल 355 ग्राम 598 मिलीग्राम सोना तथा 81 किं्वटल 35 किलो 213 ग्राम चांदी चढ़ावे के रूप में मंदिर न्यास के पास है। इसके अलावा नकदी के रूप में 71 करोड़ रुपए हैं। बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में 35 किलो 967 ग्राम 3 मिलीग्राम सोना तथा 1336 किलो 935 ग्राम चांदी मौजूद है। वहीं 4,15,68,698 रुपए मंदिर न्यास के पास उपलब्ध हैं। बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास शाहतलाई के पास 200 ग्राम सोना और 9 किलो 500 ग्राम चांदी है। वहीं 9 करोड़ 75 लाख रुपए की विभिन्न बैंकों में एफ.डी.आर. है जबकि 50 लाख रुपए कैश जमा है। माता बाला सुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर में 16 किलो सोना व 26 किं्वटल चांदी उपलब्ध है। वहीं 3 करोड़ 94 लाख रुपए की बचत है। श्री चामुंडा देवी मंदिर में 31 जुलाई, 2023 तक 19 किलो 589 ग्राम 858 मिलीग्राम सोना तथा 734 किलो 775 ग्राम 322 मिलीग्राम चांदी उपलब्ध है। एफ.डी.आर. के रूप में 1 करोड़ 84 लाख 7 हजार 369 रुपए मौजूद हैं। वहीं बचत खाता में 90,28,067 रुपए हैं। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में 43 करोड़ 60 लाख 49 हजार से अधिक रुपए बैंकों में जमा हैं। मंदिर के पास 209 किलो 402 ग्राम सोना, 7600 किलो 224 ग्राम चांदी जबकि एफ.डी. के रूप में 77 करोड़ रुपए जमा हैं।