April 10, 2025

ऊंट के मुंह में जीरे से भी कम है गन्ने का मुआवजा


रुड़की। कांग्रेस ने बाढ़ से नष्ट फसल के मुआवजे को लेकर बैठक की। कहा कि गन्ने के नुकसान का मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है। कम से कम 5 हजार रुपये प्रति बीघा मुआवजा देने की मांग की। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि जुलाई में आई बाढ़ का सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों ने लक्सर में नुकसान का उचित मुआवजा देने का वादा किया था लेकिन सरकार अपना वादा नहीं निभा रही है। बताया कि दो माह बाद फसल का मुआवजा देने के नाम पर किसानों का मजाक उड़ाया जा रहा है। कहा कि बाढ़ के समय खेत में गन्ने की फसल तैयार हो चुकी थी। इसे उगाने में किसान की 6 से 7 हजार रुपये बीघा की लागत लगी थी। फसल पूरी तरह नष्ट होने पर भी सरकार महज 11 सौ रुपये बीघा का मुआवजा दे रही है। चारा, धान, दलहन, तिलहन का मुआवजा भी बहुत कम है। उन्होंने गन्ने का मुआवजा कम से कम 5 हजार रुपये प्रतिबिघा देने की मांग की। साथ ही चेताया कि ऐसा नहीं किया तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी।