उत्तराखंड में बाघ की दहशत : डीएम ने फिर किये स्कूल दो दिन के लिए बंद
चमोली । जिले के नैनीडांडा ब्लाक के बैडहाट मोछण में बाघ की दशहत को देखते हुए डीएम ने यहां आस-पास की सभी स्कूलों को दो दिन के लिए फिर बंद किए जाने के बाद आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल बुधवार तक बंद रहेंगे। इस संबंध में तहसीलदार धुमाकोट और वन क्षेत्राधिकारी धुमाकोट की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने यह कदम उठाया है। पहले भी स्कूल शनिवार तक तक के लिए बंद कर दिए गए थे। नैनीडांडा के बैडहाट मोछण की सीमा से लगे केलधार में सोमवार की रात को बाघ दिखाई दिया। इसका किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा वीडियो भी बनाया गया। करीब एक सप्ताह बाद बाघ के दिखाई देने के बाद ग्रामीणों में और दहशत है। बाघ ने बैडहाट में घास लेने गई महिला को अपना निवाला बना लिया था। इसके बाद से ही यहां वन विभाग की टीम डेरा डाले हुई है। पूरे एक सप्ताह तक बाघ की कोई गतिविधि टीम को नहीं दिखाई दी। लेकिन सोमवार की रात को केलधार के पास सड़क किनारे बाघ दिखाई दिया। इसका वीडियो भी वन विभाग को मिला है। गढ़वाल वन प्रभाग के डीफओ ने इस वीडियो को सही बताते हुए स्थानीय लोगों के लिए एडवाजरी जारी की है। साथ ही नैनीडांडा-हल्दूखाल मार्ग पर शाम छह बजे बाद दोपहिया वाहनों से सफर नहीं करने की हिदायत भी दी गई है। इस संबंध में पुलिस प्रशासन को भी सहयोग करने के लिए कहा गया है। इसी मार्ग पर केलधार के पास बाघ दिखाई दिया है, जिसका किसी स्थानीय व्यक्ति ने वीडियो भी बनाया है। डीएफओ स्वनिल अनिरुद्ध ने बताया कि स्थानीय ग्राम प्रधानों का एक ग्रुप बनाया गया है जिसमें बाघ की कोई भी गतिविधि दिखाई देने पर तुरंत सूचित करने के लिए कहा गया है। साथ ही स्थानीय लोगों खासकर महिलाओं को अकेले जंगल में नहीं जाने को भी कहा गया है। इस क्षेत्र में अभिभावकों को भी अपने बच्चों को अकेले नहीं छोड़ने को कहा गया है। बाघ
के सक्रिय होने के बाद वन विभाग को ट्रैक्यूलाइज की परमिशन मिल गई है।
डीएफओ ने बताया कि यहां वैटनरी डाक्टरों की टीम तैनात की जा रही है। वहीं बैटहाट छोटा और केलधार दो स्थानों पर पिंजरे लगा दिए गए हैं। अब बाघ को ट्रेंक्यूलाइज करने के मिशन पर काम शुरू कर दिया गया है। पानी के स्रोतों पर खासकर नजर रखी जा रही है। सोमवार को विभाग ने यहां पहले ही ट्रैपिंग कैमरों को बढ़ा दिया था। बाघ के यहां सक्रिय होने के कारण स्थानीय लोगों में दहशत बनी हुई है। वनाधकारियों को मुताबिक बाघ को ट्रैक कर ट्रेंक्यूलाइज करने के लिए ही रणनीति बनाई जा रही है। बाघ यहां करीब छह महीने पहले भी अलग-अलग जगहों पर दो लोगों को अपना निवाला बना चुका है। तब वन विभाग रिखणीखाल के डल्ला से दो बाघों को ट्रेंक्यूलाइज कर पकड़ने में सफल रहा था। लेकिन दुबारा यहां बाघ के सक्रिय हो जाने के कारण मुशकिलों में फिर इजाफा हो गया है।