देर से मिला न्याय भी अन्याय के बराबर : कांडपाल
रुद्रपुर । 1/2 अक्टूबर 1994 मुजफ्फरनगर कांड के करीब दो दशक से अधिक समय बाद आए फैसले पर राज्य आंदोलनकारी ललित कांडपाल ने प्रेस वार्ता कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देर से मिला फैसला भी अन्याय के बराबर है। कांडपाल ने कहा कि र्निदोष राज्य आंदोलनकारियों को सही न्याय पाने के लिए 30 साल तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में 27 पुलिसकर्मी आरोपी हैं। इनमें से कुछ की मृत्यु हो गई है तो कुछ अपने अंतिम दिनों में चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का न्याय पीड़ित पक्ष को संतुष्टि नहीं देता। रामपुर तिराहा कांड लोकतंत्र के ऊपर एक घिनौना धब्बा है। उत्तराखंडियों पर हुए अत्याचार अनाचार को कभी भुलाया नहीं जा सकता। बावजूद इसके 30 साल बाद आए अदालत के निर्णय से जनभावनाओं को कुछ राहत जरूर मिली है।