December 23, 2024

छोटी-छोटी कमियों को दूर कर भविष्य में देश की सर्वोत्तम पुलिस बन सकतेः अशोक कुमार  

देहरादून ( आखरीआंख समाचार )  अपराध गोष्ठी में महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार द्वारा जनपद देहरादून के थानाध्यक्षों, अधिकारियों को सम्बोधित किया गया। अशोक कुमार ने कहा कि अगर हम अपराधों के अनावरण की दृष्टि से देखें तो देहरादून पुलिस सबसे अच्छा कार्य कर रही है। परन्तु घटनाओं और शिकायतों के निस्तारण में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। देशभर में उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट पुलिस की दृष्टि से देखा जाता है। हम पुलिसिंग में अन्य प्रदेशों से कहीं आगे निकल चुके हैं पर अभी हमें और अच्छा करने की जरुरत है। हम अपनी छोटी-छोटी कमियों को दूर कर भविष्य में देश की सर्वोत्तम पुलिस बन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस को बनाया ही पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए है। जो धनी और शक्तिशाली हैं, वे तो सहज ही न्याय पा जाते हैं, परन्तु निर्धन और असहाय लोगों को न्याय दिलाना पुलिस की पहली प्राथमिकताओं में होना चाहिए। इसीलिए पीड़ितों की शिकायतों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। अशोक कुमार ने निर्देश दिए जो भी शिकायतकर्ता थाना चैकी पर आता है, उसका शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त कर, उसे त्मबमपअपदह दी जाये और उस पर तुरन्त वैधानिक कार्यवाही कर जी0डी0 में इण्टरी कर उसकी प्रति भी शिकायतकर्ता को दी जाये। पुलिस नियंत्रण कक्ष तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त शिकायतों पर भी तत्काल कार्यवाही करने की आवश्यकता है। पुलिस बल अपने-अपने थाना क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दिखाये। नाईट चैकिंग, पैट्रोलिंग, चीता मोबाइल, सीपीयू तथा गश्त पर पुलिस ज्यादा दिखायी दे, जिससे अपराधों पर नियन्त्रण किया जा सके। देहरादून में 66 चीता मोबाईल हैं, अतः हमारा त्मेचवदेम ज्पउम 5 मिनट से कम होना चाहिए। घटना स्थल पर तत्काल पहुंच कर कार्यवाही करें। नगर पुलिस की टपेपइपसपजल  को बढ़ाया जाने की आवश्यकता है। पेट्रोलिंग, पिकेटिंग, चैकिंग आदि सुनिश्चित की जाये। सभी अधिकारी महत्वपूर्ण घटना स्थलों पर उपस्थित रहें। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में हमारी उपस्थिति बढ़ने से अपराधों पर नियंत्रण होगा, वहीं दूसरी ओर जनमानस में भी विश्वास की भावना पैदा होगी। जब कोई रोडरेज की घटना या स्कूल-कालेज के बाहर मारपीट व तोड़-फोड़ की घटना होती है तो  उसर्में मतव ज्वसमतंदबम की नीति अपनाकर  कानूनी कार्यवाही करें। कानून तोड़ने वालों को थाने पर लाया जाना चाहिए और उसके बाद विधि अनुसार कार्यवाही की जाये, जिससे आम लोगों में कानून के प्रति विश्वास की भावना जागृत होगी। सी0पी0यू का कार्य मात्र चालान करना नहीं है,  ैजतममज ब्तपउम रोकना भी आवश्यक है।  महिलाओं एवं छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल कालेज में चीता मोबाईल की भांति पैट्रोलिंग कर महिलाओं के प्रति अपराधों पर नियंत्रण करें। धोखाधड़ी के मामले, नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी, जमीन की खरीद फरोख्त में धोखाधड़ी आदि मामलों में तत्काल कार्यवाही करके पीड़ित को न्याय दिलाना आवश्यक है। जो भी माफिया हैं, उनके विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट में केस दर्ज कर उनकी सम्पत्तियां जब्त की जानी चाहिए। यदि दो पक्षों में झगड़ा होता है तो है, उसके विरूद्ध ही कार्यवाही होनी चाहिए। समीक्षा बैठक में निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून, श्वेता चैबे, पुलिस अधीक्षक नगर, सरीता डोभाल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सहित देहरादून के समस्त क्षेत्राधिकारी, थाना प्रभारी, सीपीयू के अधिकारी एवं चैकी प्रभारी मौजूद रहे।