September 20, 2024

वनाग्नि पर सुप्रीम कोर्ट की उत्तराखंड सरकार को फटकार, मुख्य सचिव तलब


देहरादून । सुप्रीम कोर्ट ने जंगल की आग से निपटने को लेकर उत्तराखंड सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर असंतोष जाहिर करते हुए कठोर टिप्पणियां की। साथ ही सूबे के मुख्य सचिव को तलब कर लिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को 17 मई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिए। उत्तराखंड सरकार पर कड़ा रुख अपनाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि जंगल की आग को काबू करने में राज्य का नजरिया ठीक नहीं था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही उत्तराखंड में जंगल की आग के मसले पर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। उसे बताया गया कि जंगलों में भीषण आग है। राज्य में 40 फीसदी जंगल आग की चपेट में हैं। इसे बुझाया नहीं जा सका है। अदालत को यह भी बताया गया कि जंगलों में लगी आग के बीच वन विभाग के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार से तीखे सवाल पूछे।
सर्वोच्च अदालत ने पूछा- आपने जंगल के अग्निशमन कर्मचारियों को आग के बीच चुनाव ड्यूटी पर क्यों लगाया है? इस पर पीठ को जवाब देते हुए, राज्य के एक अधिकारी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी खत्म हो गई है और मुख्य सचिव ने दमकल विभाग के किसी भी अधिकारी को चुनाव ड्यूटी पर नहीं लगाने का निर्देश दिया है। इस पर अदालत ने कहा,  यह खेदजनक स्थिति है। आप केवल बहाने बना रहे हैं।
पीठ ने उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या आग बुझाने वाले उपकरणों की खरीद के लिए कुछ किया है। रिक्तियां क्यों नहीं भरी गईं। इस पर उत्तराखंड़ सरकार के वकील ने कहा- हमने पिछले साल 1,205 पद भरे थे और बाकी पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश वकील ने यह भी कहा कि कोई नई आग नहीं लगी है।