June 26, 2024

हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में बिना सर्जरी के हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट


ऋषिकेश । हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट (एसआरएचयू) के हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने तावी तकनीक (ट्रांस कैथेटर अओर्टिक वॉल्व इंप्लांटेशन) के जरिए 80 वर्षीय बुजुर्ग के हार्ट का वॉल्व बदलने में सफलता हासिल की है। बुजुर्ग पूरी तरह से स्वस्थ है और उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई है। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के हृदय रोग विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग रावत ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व 80 वर्षीय वृद्ध उनकी ओपीडी में आया। जांच में पता चला कि उसके हृदय और शरीर में रक्त पहुंचाने वाली मुख्य नाड़ी (एओर्टा) के मध्य स्थित एऑर्टिक वॉल्व में गंभीर सिकुड़न से तकलीफ थी, जिसके चलते मरीज के हृदय पर बहुत दबाव था और मरीज की सांस फूलने लगती थी। ऐसे में मरीज को कभी भी हार्ट फेल होने या गंभीर अनियमित धड़कन का खतरा था। डॉ. रावत ने बताया कि आमतौर पर अब तक ओपन हार्ट सर्जरी से इसका उपचार किया जाता था, लेकिन रोगी की उम्र अधिक होने के कारण रोगी के हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट में पहली बार तावी तकनीक का इस्तेमाल किया गया। एसआरएचयू जौलीग्रांट के अध्यक्ष डॉ.विजय धस्माना ने इस कामयाबी के लिए हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों की सराहना की। एसआरएचयू के निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. हेमचंद्र पांडे ने कहा कि हृदय रोगियों के लिए तावी तकनीक वरदान साबित होगी। टीम में डॉ.अनुराग रावत, डॉ.भावना सिंह, डॉ. कुनाल गुरुरानी, डॉ.चंद्रमोहन बेलवाल, डॉ.दीपक ओबरॉय, टेक्निशियन प्रवीण कुमार, प्रमोद सिंह, विरेंद्र सहित नर्सिंग टीम का योगदान रहा।