एक मिनट तक फायरिंग करते रहे आतंकी, शुक्र है कि जिंदा हैं…!
मेरठ । गोधुली का समय था। शिवखोड़ी से बस कटड़ा लौट रही थी। ठंडी हवाओं के बीच झपकी लग गई। इस बीच अंधाधुंध फायरिंग की आवाज सुनकर आंख खुली तो बस में चीख पुकार मच गई। एकाएक हम कुछ समझ पाते कि बस अनियंत्रित होकर 100 फीट नीचे खाई में फिसलती चली गई। चालक सहित कई लोगों को गोली लगी थी।
पहाड़ी पर उगे पेड़ और झाडिय़ों के कारण बस सीधी खाई में नहीं गिरी। खाई में गिरते हुए अचानक कंधे और सिर पर चोट लगी और आंखों के आगे अंधेरा छा गया। यह बात जम्मू के रियासी में आतंकवादी हमले घायल हुए दौराला निवासी प्रदीप कुमार ने बताई।
दौराला निवासी प्रदीप कुमार पुत्र हरपाल, भाई पवन और भांजा तरुण निवासी फफूंडा सात जून शुक्रवार को वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए थे। आठ जून को जम्मू से कटरा पहुंचकर चढ़ाई शुरू की। रविवार सुबह कटरा आने के बाद तीनों शिवखोड़ी दर्शन के लिए चले गए। वहां से लौटते समय शाम लगभग 5:30 बजे रियासी में आतंवादियों ने बस पर हमला कर दिया। तीनों युवकों की किस्मत अच्छी थी कि आतंकवादियों ने बस पर सामने से हमला किया। तीनों युवक बस की पिछली सीट पर बैठे थे।
तरुण ने बताया कि आतंकवादी लगभग एक मिनट तक लगातार फायरिंग करते रहे। ज्यादातर यात्री जो गोली से बच गए थे वह सीटों के नीचे छिप गए। गोली लगने के कारण ड्राइवर की मौत हो गई और बस खाई में फिसलती चली गई।
महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी चिल्ला रहे थे। पहाड़ी पर उगे पेड़ और झाडिय़ों के कारण बस खाई में सीधी नहीं गिरी। 100 फीट नीचे एक चट्टान से टकराकर रुक गई। बस सीट उखड़ गई थीं और
शीशे भी टूट गए थे। हमारे बराबर में राजस्थान के कुछ लोग बैठे थे वह भी शिवखोड़ी में दर्शन कर लौट रहे थे। प्रदीप मामा के कंधे और सिर में और पवन के पैर में गंभीर चोट आई।
परिजन डर जाते इसलिए नहीं दी रात में जानकारी
तरुण ने बताया कि कंधे और नाक पर चोट लगी लेकिन वह होश में था इसलिए लगातार फोन ट्राई करता रहा। नेटवर्क होने के बाद भी कोई फोन नहीं मिल रहा था। एक घबराहट और थी कि आतंकवादी नीचे आकर फिर हमला न कर दें।
करीब 30 से 40 मिनट बाद कुछ लोग हमारी तरफ दौड़ते हुए आते दिखे। जिन्हें देख हम घबरा गए। हालांकि वह स्थानीय लोग थे। इस बीच पुलिस और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गई। परिजन डर जाते इसलिए रात में जानकारी नहीं दी गई।
तहसील से घायलों के घर पहुंची टीम
तीनों घायलों के विषय में जम्मू पुलिस ने मेरठ पुलिस को अवगत कराया। सीडीओ ने घायलों के विषय में जानकारी जुटाने और उन्हें सकुशल घर लाने की जिम्मेदारी सरधना तहसीलदार राहुल को दी। तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी दौराला में प्रदीप कुमार के घर सोमवार दोपहर 2:30 बजे पहुंचे। प्रदीप की पत्नी सुमन और बच्चे सहित सब लोग हादसे की जानकारी मिलते ही घबरा गए। सीडीओ नूपुर गोयल ने बताया कि तहसीलदार सरधना के नेतृत्व में टीम जम्मू गई है। मंगलवार को दौराला और फफूंडा निवासी तीनों लोग टीम के साथ मेरठ लौट आएंगे। प्रशासन की ओर से उनका उपचार कराया जाएगा।