July 1, 2024

उत्तराखंड कबतक करता रहेगा मासूमों की कुर्बानियां : घर के बाहर से मासूम को उठा ले गया गुलदार


हल्द्वानी ।  काठगोदाम क्षेत्र में गौला नदी किनारे झोपड़ियों में रह रहे एक मजदूर के इकलौते बेटे को बुधवार रात गुलदार उठा ले गया। सुबह घर से 400 मीटर दूरी पर जंगल में बच्चे का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है। घटना हल्द्वानी वन प्रभाग के छकाता रेंज की है। मूलरूप से हरदोई यूपी निवासी प्रीतम यहां कॉलटैक्स में निर्मला कान्वेंट स्कूल के सामने रेलवे पटरी के पास गौला नदी किनारे झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहता है। बुधवार रात करीब 12 बजे वह अपने सात वर्षीय बेटे शिवा को पेशाब कराने के लिए झोपड़ी से बाहर लेकर गया। वहां घात लगाकर बैठा गुलदार बच्चे को दबोचकर ले गया। इससे पहले कि पिता बच्चे को बचाने के लिए कुछ करता गुलदार आंखों से ओझल हो चुका था। सूचना पर वन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और सर्च अभियान चलाया, लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चला। सुबह एक बार फिर सर्च अभियान चलाया गया तो घर से करीब 400मीटर दूर गौला नदी किनारे जंगल में शिवा का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रीतम के तीन बच्चों में बेटा दूसरे नंबर का था। बच्चे की मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। छकाता रेंज के रेंजर प्रमोद कुमार पंत ने बताया कि पीड़ित परिवार को फौरी तौर पर 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। एहतियातन क्षेत्र में वनकर्मियों ने गश्त शुरू कर दी है।

बड़ा सवाल यह हैं कि हमारा उत्तराखंड आखिर कबतक करता रहेगा अपने जिगर के टुकड़ों की कुर्बानियां,?

यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता हैं कि इस मामले में हमारे जनप्रतिनिधि असफल हो रहे हैं या हमारा वन विभाग?

आम उत्तराखण्डियों के मन मे अब यह सवाल घर कर गया हैं कि इन दोनों की अब दिलचस्पी हमारे नन्हे मुन्नों को बचाने में नही रही है । ये दोनों केवल ऐसी दुर्घटना हो जाने पर चंद कागज के टुकड़ों को उन्हें थमाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं।

इन्हें क्या पता कि किसी के कलेजे के टुकड़े के टुकड़े को जब उसके मातापिता देखते हैं तब उनपर क्या बीतती हैं।

लेकिन अफसोस कि बात है कि हम सभी उत्तराखंडी आज इन दोनों का अभिशाप झेलने को मजबूर है।