मांगें नहीं मानी गई तो मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे वन सरपंच
अल्मोड़ा । वनपंचायत जिला अल्मोड़ा के सरपंचों द्वारा उप जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें कहा गया है कि यदि उत्तराखंड के सरपंचों की पांच सूत्रीय मांगों पर सरकार तथा वन विभाग द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो उत्तराखंड सरपंच संगठन के सभी सरपंच 20 अगस्त से गैरसैंण में प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री तथा विधानसभा का घेराव करेंगे। सरपंचों ने पांच सूत्रीय मांगों में उत्तराखंड की वन पंचायतों का सशक्तिकरण कर मुख्यधारा के साथ संवैधानिक दर्जा देकर प्रति वर्ष वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित करने, प्रदेश के वन प्रहरी सरपंचों में से प्रदेश वन पंचायत सलाहकार परिषद के अति शीघ्र गठन, सरपंचों को वनाग्नि सुरक्षा सामग्री के साथ जीवन बीमा और मानदेय एवं वन पंचायती विकास और वनाग्नि अवरोधक प्रशिक्षण के प्रावधान करने, वन पंचायत में वन विभाग और उसकी ठेकेदारी व्यवस्था का हस्तक्षेप समाप्त कर वन पंचायतों को स्वतंत्र एवं स्वस्थ स्वायत्तधारी संस्था घोषित करने व वन नियमावली में सरपंच सदस्यों की उपस्थिति में अंग्रेजी कमीश्नरी शासनकाल के कानूनों को समाप्त कर ठोस आधुनिक वन कानूनों का गठन कर अधिनियम एक्ट में परिवर्तन की मांग रखी है। यहाँ ज्ञापन देने वालों में अल्मोड़ा सरपंच संगठन से निशा जोशी, घनानंद शर्मा, केशव दत्त भारद्वाज, राजेंद्र कनवाल और हीरा सिंह रावत शामिल रहे।