November 24, 2024

अब 9 साल की उम्र में ही होगी लड़कियों की शादी!


नई दिल्ली । इराक में एक नया कानून लाए जाने की तैयारी है, जो लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम उम्र नौ साल तय करता है। इस कानून का ड्राफ्ट इराकी संसद में पेश किया गया है। इराक की रुढि़वादी शिया पार्टियां संसद में व्यक्तिगत कानून में संशोधन पर जोर दे रही हैं, जो नौ वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शादी करने की अनुमति देगा। महिला अधिकार संगठन इस बिल को लेकर चिंतित हैं।
महिला और मानवाधिकार संगठन इसे पितृसत्तात्मक को बढ़ावा देने वाला कहा है। मिडिल ईस्ट आई के अनुसार, 1959 के व्यक्तिगत स्थिति कानून के कानून 188 में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। यह कानून अब्दुल करीम कासिम सरकार ने पास किया था। कासिम सरकार ने महिलाओं के अधिकारों सहित कई प्रगतिशील सुधारों की शुरुआत की थी। महिला अधिकार कार्यकर्ता सुहालिया अल असम के अनुसार 1959 में विशेषज्ञों, वकीलों, धार्मिक प्रमुखों और विशेषज्ञों की सलाह से बने इस कानून को महिलाओं के हक में पश्चिम एशिया के सबसे अच्छे कानूनों में से एक माना जाता है। ये कानून पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 वर्ष निर्धारित करता है। यह पुरुषों को दूसरी पत्नी रखने की अनुमति पर भी प्रतिबंध लगाता है।
1959 के कानून में बदलाव की तैयारी
कासिम सरकार में 1959 में बने कानून में बदलाव की मांग रूढि़वादी शिया इस्लामवादी पार्टियों के गठबंधन की है, जो इराक की संसद में सबसे बड़ा गुट है। संसद में जो ड्राफ्ट पेश किया गया है, उसमें कहा गया है कि जोड़े को व्यक्तिगत स्थिति के सभी मामलों में सुन्नी या शिया संप्रदाय के बीच चयन करना होगा। यह बदलाव अदालतों के बजाय शिया और सुन्नी बंदोबस्ती के कार्यालयों को शादी पर फैसला करने की इजाजत देगा। विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि शिया कोड जाफरी लीगल सिस्टम पर आधारित होगा। जाफरी कानून का नाम छठे शिया इमाम जाफर अल सादिक के

नाम पर रखा गया है। इसमें विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने के नियम हैं। यह नौ साल की लड़कियों और पंद्रह साल के लडक़ों की शादी की अनुमति देता है।
इराकी संसद में ये मसौदा विधेयक निर्दलीय सांसद राएद अल-मलिकी ने पेश किया है। मसौदे में प्रस्तावित परिवर्तनों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। इराकी महिला अधिकार मंच की सीईओ तमारा अमीर ने मिडिल ईस्ट आई से कहा है कि व्यक्तिगत स्थिति कानून में इन प्रस्तावित बदलावों का इराक में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और भलाई पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने सवाल

किया कि क्या राजनेता अपनी नौ साल की बेटी की शादी होने देंगे। उन्होंने कहा कि इराकी समुदाय इन प्रस्तावों को स्पष्ट रूप से खारिज करता है, यह इराकी पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक अपमानजनक कदम है। हम वर्षों से इसी के खिलाफ लड़ रहे हैं।
इराक में महिला स्वतंत्रता संगठन (ओडब्ल्यूएफआई) की अध्यक्ष यानार मोहम्मद ने मिडिल ईस्ट आई को बताया कि बिल लाने वाला गठबंधन का मकसद सरकार के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अपनी कमियों से ध्यान हटाने का प्रयास है। इस ध्यान भटकाने के लिए उनका सबसे प्रभावी उपकरण इराकी महिलाओं और नागरिक समाज को एक ऐसे कानून के साथ आतंकित करना है जो आधुनिक समय में इराकी महिलाओं को प्राप्त सभी अधिकारों को छीन लेता है। ये महिलाओं पर पुरातन इस्लामी शरिया लागू करता है।