मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बेटियों के दहेज में भी हुआ खेल, विवाहित महिलाओं का हुआ दुबारा विवाह!!!
बल्दीराय । विकासखंड मुख्यालय बल्दीराय पर हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में घोटाले की चर्चा पूरे जनपद भर में है। लेकिन यह घोटाला मात्र दो-तीन बच्चों की मां का विवाह करने तक ही सीमित नही है बल्कि मुख्यालय पर हुए विवाह में भ्रष्टाचारियों द्वारा बेटियों के दहेज में भी खेल खेला गया है। शासन द्वारा दी गई सुविधाओं का लाभ भी सही ढंग से बेटियो को नहीं मिल सका, घोटाले की दर परत दर अब खुल रही है जब जांच टीम बैठी तो अब जिला समाज कल्याण अधिकारी से लेकर ब्लॉक के समाज कल्याण अधिकारी की काली करतूत सामने आ गई है। विभाग द्वारा जिस फर्म से बेटियों के दहेज में दिया जाने वाला गहने की खरीद की, जिसमें पायल, बिछिया सहित अन्य सामान रहता है वह गुणवत्ता परक न देकर स्टील का लोकल पायल बेटियों को थमा कर विवाह की सारी रस्म अदायगी पूरी की गई है। विवाह में शासन द्वारा जारी बजट में तो आगंतुओं के खाने-पीने तथा उनके बैठने की व्यवस्था सुलभ करवाने के लिए बजट को स्वीकृत करवा कर पैसे का बंदरवाट किया जाता ही है।
फिलहाल ब्लॉक मुख्यालय पर हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना मेंदूल्हा दुल्हन के खाने पीने से लेकर उनके बैठने की व्यवस्था तक लंबा खेल खेला गया है फर्जी तरीके से सरकारी धन का बंदर बाट किया गया है।
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अनियमितता में राजस्व विभाग का भी हाथ
सामूहिक विवाह मामले में हुई अनियमितता के तार राजस्व विभाग से भी जुड़े है। विवाहिता महिलाओं का आखिर कैसे जारी हो गया आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र। नियमानुसार-अविवाहितों का मायके से और विवाहिताओं का ससुराल के पते से जारी होते है आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र। बिना जाँच पड़ताल के कैसे लगी रिपोर्ट, कहाँ से जारी हो गया इनका प्रमाण पत्र। विवाहित महिलाओं को सामूहिक विवाह योजना का लाभार्थी बनाकर करा दिया गया दोबारा विवाह। सरकारी पैसों की कर ली गयी बंदरबाँट। आधार कार्ड, आय और जाति प्रमाण पत्र के साथ मुखिया से सम्बंधित कागजात जमा करने पर सरकारी पोर्टल पर दर्ज किए जाते है लाभार्थी। इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद समाज कल्याण विभाग के लिपिक पटल पर होती है जाँच पड़ताल
की प्रक्रिया। पटल लिपिक के पटल पर बल्दीराय ब्लॉक में ही तकरीबन 200 आवेदकों का हुआ था आवेदन। सूत्रों के अनुसार-कई वर्षों से पटल पर जमे बाबू के शातिर दिमाग से जिसमे उनकी सेटिंग होने पर उसी आवेदक को संस्तुति देने के बाद एडीओ समाज कल्याण को जाँच के लिए किया जाता है प्रेषित। 143 आवेदकों की जाँच आख्या एडीओ पंचायत समाज कल्याण को किया गया था प्रेषित। सचिव, एडीओ पंचायत, खंड विकास अधिकारी की जाँच के बाद 143 आवेदकों में से 125 आवदेक पाए गए थे पात्र। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जाँच आख्या को एडीओ पंचायत समाज कल्याण और खंड विकास अधिकारी के डोंगल द्वारा पोर्टल पर अपलोड कर जारी किया जाता है पात्र लाभार्थियों की सूची।