एक सीजन की बारिश भी न झेल पाईं 80 करोड़ से बनीं सडक़ें
मेरठ । मेरठ महानगर में 80 करोड़ की लागत से बनी सडक़ छह महीने में क्षतिग्रस्त हो गईं। टूटी सडक़ और अनगिनत गड्ढों का पेचवर्क करने के लिए नगर निगम ने फिर तीन करोड़ का बजट तैयार कर लिया है। सवाल उठता है कि सडक़ एक भी बरसात नहीं झेल पाई।
सडक़ की खराब गुणवत्ता पर नगर आयुक्त ने ठेकेदारों के भुगतान से कटौती और कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके बावजूद नतीजा शून्य रहा। अब निगम ने 35 किमी लंबी सडक़ में पेचवर्क कराने के लिए टेंडर अपलोड करने की तैयारी कर ली है। घटिया सामग्री लगाकर सडक़ों का निर्माण कराया गया और नगर निगम भुगतान करता रहा।
टूटी सडक़ों की शिकायत पर मुख्य अभियंता निर्माण ने अवर अभियंताओं से सडक़ की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी। इसमें शहर में 35 किमी लंबी सडक़ में गड्ढे होना बताया गया। इनके पेचवर्क में तीन करोड़ रुपए खर्च होना बताया गया। इसका बजट निगम ने बनाया है। नगर आयुक्त ने सडक़ों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए निर्माण विभाग के अभियंता पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। पिछली साल 2023 में भी चार करोड़ से टूटी सडक़ों में पेचवर्क कराया गया था।
कहां गई दो करोड़ की रोड एंबुलेंस
पेचवर्क के लिए निगम ने दो करोड़ की दो रोड एंबुलेंस खरीदी थी, जो गड्ढों को तुरंत भरने का काम करती है। चार महीने से मशीनें रखी हैं। अब पेचवर्क के लिए तीन करोड़ का नया बजट बना लिया, ताकि पैसे का बंदरबांट हो सके।
45 जगह होगा पेचवर्क
शहर में 45 जगहों पर पेचवर्क का प्रस्ताव है। वार्ड-68 में कंपोजिट विद्यालय से शिव मंदिर तक 2.70 लाख, डाबका में एनएच-58 से रजवाहे के पुल तक 5.91 लाख, कंकरखेड़ा में आंबेडकर द्वार से नाले की पुलिया तक 6.79 लाख, कृष्णानगर में पीएसी नाले से रेलवे लाइन तक छह लाख, जनता कॉलोनी से पल्हैड़ा तक 5.35 लाख, पल्लवपुरम फेस-2 में 7.41 लाख रुपये में काम होना है।
बरसात से सडक़ों में गड्ढे हुए हैं। खराब गुणवत्ता पर ठेकेदारों के भुगतान से कटौती की गई है। पेचवर्क के लिए निगम ने बजट तैयार किया है। इसके लिए ऑनलाइन टेंडर के बाद काम होगा। जाएगा। -देवेंद्र कुमार, मुख्य अभियंता नगर निगम