डीएम ने अधिकारियों से ली उत्तरायणी मेले की जानकारी
बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने आज जनपद बागेश्वर में आयोजित हो रहे ऐतिहासिक, पौराणिक उत्तरायणी मेले की व्यवस्था का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने मेलार्थियों की सुरक्षा में नियुक्ति किये गये पुलिस कार्मियों एवं मेलार्थियों को विभिन्न सुविधायें प्रदान करने के लिए नियुक्त किये गये नोडल अधिकारियों से मेला व्यवस्था की जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद बागेश्वर का उत्तरायणी मेला न केवल ऐतिहासिक एवं पौराणिक पहचान रखता है बल्कि यह विभिन्न संस्कृतियों के समागम का एक अद्वितीय स्थल भी है। उन्होंने कहा कि कुली बेगार प्रथा को समाप्त करने में बागेश्वर की अह्म भूमिका रही है। बागेश्वर का यह पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक व्यापारिक मेले की उत्तराखण्ड में ही नहीं पूरे देश में ख्याती है। उन्होंने कहा कि मुझे अत्यन्त गौरव है कि मुझे इस पौराणिक,धार्मिक,ऐतिहासिक मेले में प्रतिभाग करने का सुअवर मिला है। यह मेला हमें स्वतंत्रता संग्राम की झलक दिखाता है हमें इस धरोहर को संरक्षित रखना चाहिए। आज हमें इस गोमती व सरयू नदी की पवित्रता को बचाने की आवश्यकता है। जिस संगम पर लोकतंत्र की तरफ एक कदम बढाया उस ऐतिहासिक स्थल की महत्ता को बनाये रखना हम सभी का दायित्व है। जिलाधिकारी ने मेलाधिकारी को कहा कि मेले में आने वाले मेलार्थियों को मूलभूत सुविधायें अवश्य रूप से प्रदान की जाय, जिससे मेलार्थियों को कोर्इ असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मेलाथ्र्ाी हमारे अतिथि समान है जिन्हें सुरक्षा एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराना हमार दायित्व है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों का निरीक्षण किया। उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मेले के माध्यम से ने केवल सरकार की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाय बल्कि विभागों कीे नर्इ तकनीकों आदि से भी मेलार्थियों को परिचित कराया जाय। विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों के निरीक्षण के क्रम में ग्राम्या द्वारा लगाये गये आजीविका स्टाल में उपस्थित कर्मचारी ने जिलाधिकारी को बताया कि मेले के विगत दिनों से अब तक लगभग 24 हजार का व्यापार हो चुका है, इसी प्रकार कृषि विभाग द्वारा लगाये गये स्टाल के माध्यम से लगभग ं25 हजार के बीज व यंत्रों की बिक्री की गयी है। निरीक्षण के दौरान मेलाधिकारी/उप जिलाधिकारी सदर राकेश चन्द्र तिवारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों से अब तक लगभग 04 लाख का व्यापार किया गया है। मेलाधिकारी ने बताया कि उत्तरायणी मेले में विगत 03 दिनों में लाखों की संख्या में मेलार्थियों ने प्रतिभाग किया गया।
मेले के दौरान जिला पर्यटन विभाग द्वारा ऐपण कला(चेली ऐपण) प्रतियोगिता का जूनियर एवं सीनियर वर्गों में आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में सफल रहे प्रतिभागियों को जिलाधिकारी ने स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र एवं नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। इस प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान पर प्रतिभा जोशी, द्वितीय स्थान पर सपना उपाध्याय एवं तृतीय स्थान पर कनिका काण्डपाल, तथा जूनियर वर्गम में प्रथम स्थान पर अंजली बिष्ट, द्वितीय स्थान पर खुशी कोर, तृतीय स्थान पर मेघना काण्डपाल रही। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस पौराणित एवं ऐतिहासिक प्रतियोगिता के संरक्षण की आवश्यकता है चूॅकि विगत कुछ समय से यह कला विलुप्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कला से जहॉ महिलाओं का आर्थिक आधार मजबूत होगा वहीं दूसरी ओर स्थानीय कला को भी संरक्षण मिलेगा। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं का समय-समय पर आयोजन किया जाय जिससे स्थानीय कला को संरक्षण प्रदान किया जा सके।
मेले के दौरान खेल विभाग एवं नरेन्द्र खेतवाल के संयुक्त प्रयासों से बालिवाल आदि प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया जिसके सफल प्रतिभागियों को जिलाधिकारी ने पुरस्कृत किया गया। जिसमें बालिवाल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जै गोलू रवार्इखाल रही, उप विजेता जै मॉ भगवती दानपुर रही। गोला फेंक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर मोहन सिंह, द्वितीय स्थान पर इन्द्र सिंह डसिला तथा महिला वर्ग में प्रथम स्थान पर वन्दना, द्वितीय स्थान पर भावना रावल रही जिन्हें जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, अपर जिलाधिकारी राहुल कुमार गोयल, मेलाधिकारी/उपजिलाधिकारी सदर राकेश चन्द्र तिवारी, जिला विकास अधिकारी के.एन. तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पन्त, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, अधि0अधि0नगरपालिका राजदेव जायसी आदि मौजूद रहे।