भाजपा के दो नेताओं की हरकतों से पार्टी असहज, छेड़छाड़-रेप केस दर्ज
हल्द्वानी । उत्तराखंड में 48 घंटे के भीतर पार्टी के दो नेताओं की हरकतों से भाजपा असहज स्थिति में है। अल्मोड़ा के सल्ट में नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में भाजपा मंडल अध्यक्ष के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट में मुकदमा दर्ज होने और गिरफ्तारी के बाद अब भाजपा नेता एवं लालकुआं में नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष के खिलाफ दुष्कर्म के मुकदमे ने पार्टी को पसोपेश में डाल दिया है। विपक्ष के हमलावर होने पर डैमेज कंट्रोल करते हुए सल्ट मामले में आरोपी नेता को भाजपा नेतृत्व ने पद और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया, इधर लालकुआं मामले में सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई और आरोपी नेता को राज्य डेरी फेडरेशन के प्रशासक पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने का आदेश कर दिया। सल्ट के भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवत बोरा पर एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि 24 अगस्त को उनकी 14 साल की बेटी को आरोपी गांव से करीब डेढ़ किमी दूर उससे छेड़छाड़ की। आरोपी के चंगुल से बचकर किशोरी किसी तरह घर पहुंची। बीते शुक्रवार को लोगों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने तहसील कार्यालय में हंगामा खड़ा कर दिया। तहसील प्रशासन के निर्देश पर आरोपी नेता पर केस दर्ज किया।
सल्ट ‘सुलझा’ नहीं, लालकुआं हुआ ‘लाल’
सल्ट में जनाक्रोश अभी थमा नहीं है। रविवार को महिलाओं ने वहां सड़कों पर उतरकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है। इधर, करीब 48 घंटों के भीतर एक और भाजपा नेता की हरकत से पार्टी को शर्मसार होना पड़ा है।
लालकुआं में नैनीताल दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर एक महिला कर्मी ने नियमित नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। यह महिला बोरा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर शनिवार से लालकुआं से लेकर हल्द्वानी तक के चक्कर काटती रही। लेकिन पुलिस मामले की जांच और लालकुआं सीओ से मिलने की बात कहकर महिला को
टहलाती रही। इस बीच लालकुआं में भी जब जनाक्रोश भड़का और विपक्ष के नेताओं ने विरोध प्रकट किया, तब पुलिस ने दुग्ध संघ अध्यक्ष बोरा और उसके ड्राइवर के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज होने के तत्काल बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आई।
दुग्ध सहकारी समितियां, उत्तराखंड के निबंधक संजय कुमार ने आनन-फानन में रविवार को ही एक आदेश जारी कर मुकेश बोरा को राज्य डेरी फेडरेशन के प्रशासक पद से कार्यमुक्त करने का आदेश कर दिया। यह जिम्मेदारी डेरी निदेशक को सौंपने की बात निबंधक के आदेश में कही गई है।