एम्स की देखरेख में बनेगी एसटीएच की कैथलैब
हल्द्वानी । डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में कैथ लैब निर्माण का काम अब एम्स ऋषिकेश की देखरेख में होगा। एम्स की कैथ लैब निर्माण करने वाली कमेटी ने इसके लिए हरी-झंडी दे दी है। एसटीएच हल्द्वानी में भारत इलेक्ट्रिॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से कैथ लैब निर्माण करवा रहा है। मंडी परिषद ने कैथ लैब का ढांचा खड़ा करने का काम शुरू कर दिया है। लैब निर्माण में करीब 10 करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। कुमाऊं के सरकारी अस्पतालों में यह पहली कैथलैब होगी। इधर राजकीय मेडिकल प्रबंधन ने हाईटेक कैथ लैब के निर्माण को लेकर ऋषिकेश एम्स के डायरेक्टर को पत्र लिखा है जिसमें उनसे एसटीएच में एम्स के स्तर की कैथ लैब निर्माण के लिए मदद मांगी है। एम्स के डायरेक्टर ने एम्स में कैथ लैब निर्माण करने वाली कमेटी को राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के प्रस्ताव को सौंपा जिसे हरी झंडी मिल गई है। कमेटी अब कैथ लैब के लिए खरीदी जाने वाली आधुनिक मशीनें और ढांचा निर्माण की मॉनीटरिंग करेगी। ताकि कैथ लैब के भीतर हृदय संबंधी सभी प्रकार के रोगों का इलाज हो सके। लैब बनने के बाद कुमाऊं में हृदय रोगियों को निजी अस्पताल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। कैथ लैब निर्माण के कार्य से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि करीब 9 माह में कैथलैब पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी। इसके बाद कुमाऊं भर के हृदय रोगियों का यहां पर आसानी से इलाज हो सकेगा।
तीन कार्डियोलॉजिस्ट करेंगे ज्वाइन : राजकीय मेडिकल कॉलेज से तीन छात्रों ने बॉन्ड के तहत पीजी की पढ़ाई की है। बाद में इन छात्रों ने डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई भी पूरी कर ली है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि तीनों डीएम कार्डियोलॉजिस्ट एसटीएच में कैथ लैब बनने पर यहां पर ज्वाइन करेंगे।
एसटीएच में कैथ लैब निर्माण का कार्य देशभर के एम्स में कैथ लैब की मॉनीटरिंग करने वाली कमेटी के माध्यम से किया जा रहा है। ताकि कैथलैब पूरी तरह से आधुनिक उपकरणों से युक्त होने के साथ ही हर स्तर पर बेहतरीन बन सके। -डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी