सिनीयर सिटीजन ने ट्रेडिंग कर कमाई के झांसे में गंवाए 84 लाख
देहरादून । साइबर ठगी के एक बड़े मामले में देहरादून के 74 वर्षीय बुजुर्ग 84.7 लाख रुपये गंवा बैठे। ठगों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए झांसे में लेकर पीड़ित से रकम अपने दिए बैंक खातों में जमा कराई। बुजुर्ग की तहरीर पर साइबर क्राइम थाना पुलिस देहरादून ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। देवेंद्र कुमार सिंघल निवासी पार्क रोड लक्ष्मण चौक से साइबर ठगी हुई। ठगों ने खुद को आरबीएल सिक्योरिटीज का अधिकारी बताकर यह धोखाधड़ी की। शिकायत के अनुसार जुलाई 2024 में इंटरनेट पर एक विज्ञापन के माध्यम से देवेंद्र सिंघल की मुलाकात अर्जुन हिंदुजा नाम के व्यक्ति से हुई। जिसने खुद को एनडब्ल्यूआईएल सिक्योरिटीज का मुख्य निवेश अधिकारी बताया। अर्जुन ने उन्हें आरबीएल सिक्योरिटीज के वीआईपी स्टॉक सर्विस का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया और 30 दिन के ट्रायल की पेशकश की। सिंघल ने शुरुआत में इसमें रुचि दिखाई। बाद में ठगों ने उन्हें जबरदस्ती विभिन्न आईपीओ में निवेश करने के लिए मजबूर किया। देवेंद्र का दावा है कि ठगों ने आरबीएल सिक्योरिटीज के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उनसे धोखाधड़ी की। उन्हें बड़े पैमाने पर शेयर आवंटन की जानकारी दी गई। जिसमें उन्होंने हिस्सा नहीं लेना चाहा। इसके बावजूद उन्हें 48000 शेयर्स और बाद में अन्य बड़े शेयर आवंटन के लिए मजबूर किया गया। ठगों ने विभिन्न बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करने के लिए दबाव डाला। 10 से 25 सितंबर 2024 के बीच सिंघल ने ठगों के कहने पर करीब 84.7 लाख रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए। जब उन्होंने शेयरों की बिक्री के बाद राशि वापस निकालनी चाही तो उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज है और पैसे तब तक नहीं दिए जाएंगे जब तक शिकायत वापस नहीं ली जाती। सिंघल का कहना है कि उन्होंने आरोपियों की दी मोबाइल ऐप पर अपनी पत्नी के नाम से खाता खोला था। जिसे उन्होंने खुद इसे ऑपरेट किया। रकम अटकने पर साइबर ठगी का पता लगा। साइबर थाना पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।