December 22, 2024

दो-दो मुख्यमंत्री की घोषणा पर भी नहीं मिला मालिकाना हक


नई  टिहरी ।  टिहरी बांध निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग देने वाले बांध विस्थापित ठगा महसूस कर रहे हैं। टिहरी बांध विस्थापितों को दो-दो मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। जिस कारण टिहरी बांध निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग देने वाले बांध विस्थापित अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। पूर्व में विस्थापितों से अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का नियमितीकरण के लिए प्रस्ताव मांगे गए थे। पुनर्वास निदेशालय ने भी सर्वे का प्रस्ताव शासन को भेजा था। लेकिन लंबे समय बाद भी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
पुनर्वास निदेशालय ने समय-समय पर टिहरी बांध विस्थापितों को नई टिहरी, बौराड़ी, मोलधार, ढुंगीधार समेत शहर के अन्य स्थानों पर बांध विस्थापितों और प्रभावित को भूमि आवंटित की थी। पुनर्वास निदेशालय से विस्थापितों को भूमि विकसित कर देनी थी। लेकिन अधिकांश विस्थापितों को अविकसित भूमि दी गई। जिस भूमि को विस्थापितों ने विकसित कर अपने आवासीय और व्यावसायिक भवन बनाए हैं। लेकिन विकसित करने के बाद जो अतिरिक्त भूमि पर विस्थापितों के पास है,उसे प्रशासन अवैध मान रहा है। करीब दो साल पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 2020 में अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का मालिकाना हक संबंधित विस्थापित को देने की घोषणा की थी। करीब एक साल पहले टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय के कहने अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का मालिकाना हक देने के लिए करीब 15 सौ लोगों ने आने आवेदन भी पुनर्वास निदेशालय में जमा करवाए थे। लेकिन लंबे समय बाद भी इन आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिस कारण बांध प्रभावित आने उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बांध प्रभावित संघर्ष समिति के सचिव राजेंद्र डोभाल, सीएस चौहान, राम सिंह,गोपाल सिंह आदि का कहना है कि टिहरी बांध के निर्माण के लिए उन्होंने

अपनी पुश्तैनी जमीन देकर महत्वपूर्ण काम किया है। बावजूद अब शासन-प्रशासन उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कहा कि कई सालों से उन्हें गुमराह किया जा रहा है। कहा कि जब सरकार मलिन बस्तियों को बचाने के लिए अध्यादेश ला सकती है,तो विस्थापितों के हित में क्यों कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अतिरिक्त स्पेस वाली भूमि का मालिकाना हक देने की मांग की।