एक माह से बंद पड़ी इन्दिरा अम्मा कैंटीन को तोड़ने की तैयारी
विकासनगर। । नौ साल पहले गरीब लोगों को सस्ते दामों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में खोला गया इंदिरा अम्मा कैंटीन एक माह बंद पड़ी है। जिस कारण से औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले गरीब तबके के मजदूर को खाने के ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बंद पड़े इस कैंटीन को सिडकुल प्रशासन तोड़ने की तैयारी कर रहा है। 2016-17 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सेलाकुई सिडकुल में मजदूरों व कर्मचारियों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए इन्दिरा अम्मा कैंटीन का शुभारंभ किया था। जिसमें औद्योगिक क्षेत्र के सैकड़ों मजदूर कम पैसों में भोजन करते थे। लेकिन एक माह से कैंटीन बंद होने से अब कर्मचारियों के आगे खाने का संकट पैदा हो गया है। जिन्हें ज्यादा पैसा देकर अन्य होटलों में खाना खाना पड़ रहा है। कंपनी कर्मचारी सुरेश महेश रावत, दिनेश कुमार, पीयूष गर्ग, अजमत, सुनीता, सविता देवी, रिहाना, परवीन आदि का कहना है कि उन्हें इससे काफी राहत मिलती थी। उधर बताया जा रहा है कि बंद पड़ी कैंटीन को सिडकुल प्रशासन तोड़ने की तैयारी कर रहा है। क्षेत्रीय प्रबंधक सिडकुल यशवंत सिंह रावत ने बताया कि इसकी जगह सिड़कुल प्रशासन बिल्डिंग बनाएगा। जिसमें फेलक्टेड फैक्ट्री व सिडकुल का चार मंजिला ऑफिस बनाया जाएगा। इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष सुनील उनियाल का कहना है कि कैंटीन को तोड़ा न जाए। अगर जरूरी है तो उसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए।