जनप्रतिनिधियों के लगातार उपेक्षा से आहत ग्रामीण सांकेतिक सड़क निर्माण को मजबूर
बागेश्वर ( आखरीआंख समाचार ) गरुड़ विकास खण्ड का एक सुदूरवर्ती ग्राम रनकुनी आजादी के 70 बरसो बाद भी आजतक लगातार अपने जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार नजर आता है।
द्योनाई क्षेत्र के अंतर्गत जंगल से सटा हुआ और अत्यधिक ऊँचाई पर स्तिथ यह गाँव आजतक एक अदद सड़क के लिए मोहताज बना हुआ है।
ग्राम के सामाजिक कार्यकर्ता किसन गिरी व प्रेम गिरी बताते है कि हर 5 साल में ठीक चुनावों के समय हमारे जनप्रतिनिधि हमारे गाँव मे वोट मांगने आते है और सारे ग्रामवासियों को आश्वासनों का पुलंदा थमा कर चले जाते है। और वे इन रंगीन आश्वासनों के धरातल पर उतरने के हसीन सपनो को लगतार सजोते चले आ रहे है।
पहाड़ के इस पहाड़ के समान विकट समस्या के समाधान की ओर हमारे जनप्रतिनिधियों ने कभी इसे गम्भीरता से लिया ही नही ।
अपने जनप्रतिनिधियों को आईना दिखाने के लिए आज गाँव के निवासियों ने कौसानी भतड़िया कफलड़ूंगा मोटर मार्ग पर अपने घर से कुदाल व फावड़े लेकर खुद ही अपने ग्राम की सड़क खोदने का एक सांकेतिक प्रदर्शन किया। जिसमें सभी महिलाओं ने अपने ग्राम की ओर कुछ समय तक अपने औजारों से सड़क खोदने का कार्य किया ।
किस गिरी व प्रेम गिरी के नेतृत्व में आई इन महिलाओं का उत्साह बढ़ाने को रिठाड़ के सरपंच अर्जुन राणा ने जेसीबी मसीन से कुछ मीटर खुदवा कर उन्हें हर सम्भव मदद देने का भी आस्वासन दिया। और अपने उन धुर विरोधियों के मुँह पर भी एक करार तमाचा जड़ दिया जो उनकी यत्र तत्र छवि खराब करने में अपनी तरफ से कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ रहे थे।
श्री राणा ने समस्त ग्रामवासियों को बताया कि उनके कुछ विरोधी उन्हें बदनाम करने की नीयत से मनगढ़ंत बाते जनता के बीच उनकी छवि को खराब करने के लिए समाज मे फैला रहे है। इस दूरस्थ ग्राम के विकास के लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे व ग्रामवासियों के साथ भविष्य में भी हरदम खड़े नजर आएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि सही समय आने पर उन विरोधियों को भी उचित जबाब दिया जायेगा।
समस्त उपस्थित महिलाओं ने क्षेत्रीय विधायक से मांग की कि तत्काल उनके गांव में सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाये । अन्यथा उन्हें आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा व सड़क निर्माण न होने की स्तिथि में वे समस्त ग्रामवासी रोड नही तो वोट नही के फार्मूले पर भी विचार करेंगे।