March 16, 2025

छः सूत्रीय मांगों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से मिला सरपंच प्रतिनिधि मंडल


देहरादून ।   उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों के विभिन्न जिलों के वन पंचायत सरपंचों का एक प्रतिनिधिमंडल कई वर्षों से लंबित अपनी छह सूत्रीय मांगों के समाधान के संदर्भ में सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष से देहरादून स्थित उनके आवास पर मिला और इन मांगों पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख रूप से वन पंचायतों को ग्राम प्रधानों के अधीन लाने संबंधी शासन-प्रशासन द्वारा विचाराधीन प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की। इसके अलावा, वन पंचायतों को वित्तीय और कानूनी अधिकार प्रदान करने के लिए प्रचलित नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रतिनिधिमंडल ने सलाहकार परिषद के गठन में सरपंचों को शामिल करने और प्रदेश परामर्शदात्री समिति में भी उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की मांग की। वन पंचायत प्रतिनिधियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन, तकनीकी प्रशिक्षण और सम्मानजनक मानदेय प्रदान किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया गया। इसके साथ ही, वन पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में ठेकेदारी और एनजीओ के अनावश्यक हस्तक्षेप को समाप्त करने तथा वन पंचायत की बिना अनुमति के कोई कार्य न किए जाने की मांग भी रखी गई। ग्रामवासियों को उनके हक-हकूक, जिनमें 1980 से कटौती कर दी गई थी, वापस दिलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। इन सभी मांगों के समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए अपने स्तर से समाधान का आश्वासन दिया।

विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात से पूर्व प्रदेश सरपंच संगठन का प्रतिनिधिमंडल वन भवन में प्रमुख वन संरक्षक, उत्तराखंड सरकार, देहरादून से भी मिला और उनके स्तर से समाधान योग्य ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में निशा जोशी, बीना बिष्ट, कमलेश जीना के साथ वन पंचायत सरपंच संगठन के संरक्षक गणेश चंद्र जोशी, प्रयाग सिंह जीना, नंद किशोर आदि उपस्थित रहे।