बागेश्वर पुलिस का नशा तस्करों पर बड़ा वार,15 लाख की चरस के साथ 3 गिरफ्तार, वाहन सीज
बागेश्वर । जनपद में नशा तस्करों के खिलाफ बागेश्वर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रशेखर घोडके के निर्देशानुसार और क्षेत्राधिकारी कपकोट श्री मनीष शर्मा के पर्यवेक्षण में चल रहे सघन चेकिंग अभियान के तहत कपकोट पुलिस ने तीन तस्करों को दबोचा है। पुलिस ने इनके पास से 2.511 किलोग्राम अवैध चरस बरामद की है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग ₹15 लाख बताई जा रही है।
पुलिस की इस कार्रवाई को दिनांक 3 अगस्त 2025 को अंजाम दिया गया। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान चंचल सिंह पुत्र मान सिंह (38 वर्ष), लोकपाल सिंह पुत्र उत्तम सिंह (25 वर्ष) और विक्रम सिंह पुत्र चामू सिंह (32 वर्ष) के रूप में हुई है। तीनों आरोपी झूनी, थाना कपकोट क्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस ने आरोपियों को शामा बैण्ड कपकोट क्षेत्र से वाहन संख्या UK 02 TA 2854 में अवैध चरस का परिवहन करते हुए पकड़ा।
पुलिस ने आरोपियों के पास से क्रमशः 0.903 किग्रा, 0.804 किग्रा और 0.804 किग्रा चरस बरामद की है। कुल मिलाकर पुलिस ने 2.511 किलोग्राम अवैध चरस ज़ब्त की है। इस चरस को परिवहन में इस्तेमाल किए जा रहे वाहन को भी सीज कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ थाना कपकोट में मु.अ.सं. 31/2025, धारा 8/20/60 NDPS Act के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक बागेश्वर श्री चन्द्रशेखर घोडके ने इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली पुलिस टीम को ₹2500 की नकद धनराशि से पुरस्कृत करने की घोषणा की है। उन्होंने टीम की तत्परता और सजगता की सराहना करते हुए कहा कि बागेश्वर पुलिस नशे के खिलाफ लड़ाई को और सख्ती से जारी रखेगी।
गिरफ्तारी करने वाली टीम में उप निरीक्षक जीवन सामन्त, हेड कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह, कांस्टेबल हरीश सनवाल, कांस्टेबल अशोक टम्टा और कांस्टेबल अमजद खान शामिल रहे। इन सभी ने चैकिंग अभियान में सजग भूमिका निभाते हुए अपराधियों को समय रहते पकड़कर बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी को रोका।
पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों के आपराधिक इतिहास की गहनता से जांच कर रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं ये किसी बड़े नशा तस्करी गिरोह से तो नहीं जुड़े हैं। पुलिस का कहना है कि जनपद में नशा और तस्करी के खिलाफ ऐसे अभियान लगातार जारी रहेंगे, ताकि “नशामुक्त उत्तराखण्ड 2025” का सपना साकार किया जा सके।
