जिलाधिकारी ने ली जलागम की बैठक
बागेश्वर ( आखरीआंख ) जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने आज कलैक्ट्रेट सभागार में जिला जलागम एवं समन्वय समिति की बैठक ली। बैठक में उप परियोजना निदेशक ललित सिंह रावत ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि परियोजना का उद्देश्य है ग्रामीण समुदाय की सहभागिता को बढाते हुए प्राकृतिक संसाधनों का संवर्द्धन एवं लोगों के जीवन स्तर को उच्च करना है। जिसके लिए कपकोट के 43 ग्राम पंचायतों में काम किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर प्रभाग को 03 यूनिटों कपकोट, लोहारखेत एवं गोगिना में विभाजित किया गया है जिसके अन्तर्गत कुल 10 सूक्ष्म जलागम परियोजना संचालित की जा रही है जिसका मुख्य उद्देश्य जल स्रोतों में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि, जैव भार में लगभग 20 प्रतिशत, बारानी क्षेत्र के अन्र्तगत सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि लगभग 2500 हैक्टेयर, बारानी तथा सिंचित फसलों की उत्पादकता में वृद्धि लगभग 25 प्रतिशत करना है। परियोजना के अन्तर्गत कुल लाभार्थियों में से महिला लाभार्थियों का प्रतिशत 45 प्रतिशत तक किया जाना है।
बैठक में जिलाधिकारी ने उप परियोजना निदेशक को निर्देशित करते हुए कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य समाज के निम्न वर्ग की आर्थिकी एवं जीवन स्तर में सुधार लाना है जिसके लिए यह आवश्यक है कि वास्तविक लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुॅचे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि योजनाओं के संचालन में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाय कि धनराशि का व्यय मितव्ययता एवं र्इमानदारी पूर्वक किया जाय जिसमें निर्धारित प्रक्रिया का पालन अनुपालन आवश्य सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने संबंधित रेखीय विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि बागेश्वर जैसे जनपदीय क्षेत्रों में गरीब किसानों एवं निर्धन परिवारों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए यह आवश्यक है कि योजनाओं के संबंध में उन्हें अवगत कराया जाय जिसके लिए समय-समय पर जागरूकता कैम्प का आयोजन किया जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि छोटे किसानों को प्रेरित कर उनकी आय में वृद्धि का प्रयास किया जाय जिसके लिए उनके द्वारा उत्पन्न स्थानीय उत्पादों हेतु मार्केटिंग एवं पैकेजिंग की उचित व्यवस्था की जाय। जिलाधिकारी ने उप परियोजना अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्राम्या द्वारा ग्राम पंचायत शामा में बनाये जा रहे ग्रोथ सेंटर में किसानों के लिए एक ही स्थान पर सभी सुविधायें उपलब्ध करार्इ जाय जिससे उनका बेहतर विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जनपद बागेश्वर के स्थानीय उत्पादों की राज्य एवं राष्ट्रीय पर मॉग हो रही है जिसके लिए एकीकृत केन्द्र के रूप में ग्रोथ सेंटर को विकसित किये जाने की आवश्यकता है।
बैठक में कृषक भवान सिंह ने यह सुझाव दिया कि जनपद बागेश्वर में कीवी के उत्पादन की अत्यधिक क्षमता है जिसके लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कृषकों को कीवी उत्पादन पर होने वाले व्यय पर 50 प्रतिशत छूट दे। इस पर जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी एवं उप परियोजना निदेशक को निर्देशित करते हुए कहा कि उक्त सुझाव के संबंध में विभिन्न पहलूओं का विशलेषण करते हुए एक प्रस्ताव का निर्माण किया जाय ताकि जिला प्रशासन की ओर से शासन को भेजा जा सके।
जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी एवं मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद बागेश्वर में कीवी उत्पादन कर रहे किसानों को अन्य राज्यों जैसे हिमांचल से भी प्रशिक्षण दिलाये जिससे वे कीवी उत्पादन की बारीकियों को समझ सके साथ ही कीवी उत्पादन की उन्नत किस्म के पौधों को किसानों तक उपलब्ध कराया जाय। जिलाधिकारी ने उप परियोजना अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि परियोजना द्वारा किये जा रहे कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु फेडरेशन का निर्माण किया जाय जिसके माध्यम से विभिन्न कृषि गतिविधिया जैसे कीवी, आलू आदि का उत्पादन समेकित रूप से किया जा सके। जिलाधिकारी ने रेखीय विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग अपने कार्यों का निर्वहन र्इमानदारी से निष्ठापूर्वक करें जिससे समाज के अन्तिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुॅच सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एस.एस.एस.पांगती, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 उदय शंकर, परियोजना निदेशक शिल्पी पन्त, मुख्य कृषि अधिकारी बीपी मौर्या, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह, ग्राम प्रधान दुलम धीरज सिंह, सूपी यशपाल सिंह, शामा भगवान सिंह कोरंगा सहित कृषक एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।