December 5, 2025

जल संस्थान की विवादित वरिष्ठता सूची पर न हों प्रमोशन


देहरादून। जल संस्थान में सहायक अभियंता वरिष्ठता सूची विवाद लगातार कायम है। सर्विस ट्रिब्यूनल ने 2021 को जारी वरिष्ठता सूची को निरस्त करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश पर हाईकोर्ट ने स्टे दिया है। इस बीच प्रभारी अधीक्षण अभियंताओं ने सचिव पेयजल को प्रत्यावेदन सौंप कर हाईकोर्ट का अंतिम आदेश आने तक किसी भी तरह का प्रमोशन किए जाने की मांग की है। अधीक्षण अभियंता विशाल कुमार, मनीष सेमवाल और विनोद रमोला की ओर से संयुक्त रूप से प्रत्यावेदन सौंपा गया है। प्रत्यावेदन में इंजीनियरों ने कहा कि 12 फरवरी 2021 को जारी ज्येष्ठता सूची के आधार पर अधीक्षण अभियंता के पद पर प्रमोशन न किए जाएं। इस वरिष्ठता सूची को सिविल और विद्युत यांत्रिक के प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया गया है। जो नियमानुसार सही नहीं है। लोक सेवा आयोग परीक्षा परिणाम निर्माण प्रक्रिया नियमावली 2012 के अनुसार वरिष्ठता सूची जारी करने की जो व्यवस्था है, ये वरिष्ठता सूची पूरी तरह उससे अलग है। ऐसे में इस वरिष्ठता सूची का कोई मतलब नहीं है। कहा कि सिविल और विद्युत यांत्रिक के पद अलग अलग संख्या में दिए गए भर्ती प्रस्ताव के अनुसार विज्ञापित किए गए। आयोग ने अपने स्तर पर अलग अलग वरिष्ठता सूची भी जारी की। पब्लिक सर्विस ट्रिब्यूनल ने भी 2021 की वरिष्ठता सूची को निरस्त कर दिया था। अब पूरा प्रकरण हाईकोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में 2021 की वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रमोशन न किए जाएं। प्रमोशन प्रक्रिया शुरू करने से पहले हाईकोर्ट के फाइनल आर्डर का इंतजार किया जाए। ताकि सिविल संवर्ग के साथ अन्याय न हो सके। कहा कि जल संस्थान में सिविल के काम अधिक है। 2021 की वरिष्ठता सूची के अनुसार उच्च स्तर पर सिर्फ विद्युत यांत्रिक संवर्ग का ही एकाधिकार हो जाएगा। ऐसे में इसका सीधा असर विभाग के कामकाज पर पड़ेगा। आम जनता को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। चमोली एसटीपी हादसे के बाद अलग अलग होना था काम चमोली एसटीपी हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद तत्कालीन मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जल संस्थान में सिविल और विद्युत यांत्रिक का अलग अलग ढांचा बनाया जाए। दोनों संवर्ग अलग अलग किए जाएं। सिविल इंजीनियरों से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों से सिविल का काम न कराया जाए। इसके बावजूद अभी तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।