महिलाओं को 10 हजार देने के लिए वर्ल्ड बैंक का फंड हुआ इस्तेमाल, पीके की पार्टी ने एनडीए पर लगाए गंभीर आरोप
पटना । जन सुराज के प्रवक्ता और वरिष्ठ पार्टी रणनीतिकार पवन वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (हृष्ठ्र) सरकार पर एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। वर्मा ने दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनावों में चुनावी लाभ लेने के लिए विश्व बैंक (ङ्खशह्म्द्यस्र क्चड्डठ्ठद्म) द्वारा समर्थित एक प्रोजेक्ट के लिए आवंटित धनराशि का दुरुपयोग किया गया।
वर्मा के अनुसार, इस पैसे को ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजनाÓ के तहत महिला मतदाताओं में बांटा गया। उन्होंने बताया कि बिहार में 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में 10,000-10,000 रुपए जमा किए गए, लेकिन उन्होंने इस धन के स्रोत और इसके ट्रांसफर के समय पर गंभीर संदेह जताया।
आचार संहिता से एक घंटा पहले बांटे 14,000 करोड़
पवन वर्मा ने पार्टी को मिली जानकारी का हवाला देते हुए बिहार की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा,बिहार में सरकारी कर्ज इस समय 4,06,000 करोड़ रुपए है। प्रतिदिन का ब्याज 63 करोड़ रुपए है। खजाना खाली है।
इसके बाद उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,पार्टी ने सुना है – हालांकि यह गलत हो सकता है – कि 10,000 रुपए का ट्रांसफर उन 21,000 करोड़ रुपये से दिया गया था, जो विश्व बैंक से किसी अन्य प्रोजेक्ट के लिए आया था। वर्मा ने यह भी दावा किया कि,चुनाव आचार संहिता लागू होने से एक घंटा पहले, 14,000 करोड़ रुपए निकालकर राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं में बांट दिए गए।
‘अगर सच है, तो यह कितना नैतिक?Ó
हालांकि, पवन वर्मा ने ज़ोर देकर कहा कि वह इस जानकारी को स्थापित तथ्य के रूप में प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा,जैसा कि मैंने कहा, यह हमारी जानकारी है। अगर यह गलत है, तो मैं क्षमा चाहता हूं। लेकिन अगर यह सच है, तो सवाल उठता है कि यह कितना नैतिक है।
क्करू मोदी की ‘रेवड़ीÓ वाली टिप्पणी की दिलाई याद
जन सुराज नेता ने तर्क दिया कि अचानक हुए इस वित्तीय वितरण ने मतदाताओं को अनिवार्य रूप से प्रभावित किया और उनकी नई पार्टी के संदेश को फीका कर दिया। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि बिहार में 4 करोड़ महिला मतदाता हैं, जिनमें से 2.5 करोड़ को यह राशि नहीं मिली है, जिससेबाकी महिलाओं को लगता है कि अगर एनडीए सत्ता में नहीं आया, तो हमें लाभ नहीं मिलेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसी योजनाओं ने चुनावी समीकरण बदल दिए, वर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘मुफ्त रेवड़ीÓ वाली पुरानी टिप्पणियों की ओर इशारा किया। उन्होंने पूछा,प्रधानमंत्री मोदी ने खुद मुफ़्त चीजें देने की आलोचना की हैज् अब बिहार में क्या हुआ?
