December 5, 2025

अरुणाचल चीन का हिस्साज्चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन क्यों नहीं करतीं,शंघाई एयरपोर्ट पर भारतीय महिला से बदसलूकी


नई दिल्ली । अरुणाचल प्रदेश में जन्मी और वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली भारतीय मूल की प्रेमा वांगजॉम थोंगडोक ने चीन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को मान्य मानने से इनकार कर दिया और करीब 18 घंटे तक उन्हें रोके रखा।
प्रेमा 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं और शंघाई में उनका तीन घंटे का ट्रांजिट था। लेकिन इमिग्रेशन काउंटर पर अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को ‘अमान्यÓ बताते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है। प्रेमा ने आरोप लगाया कि कई अधिकारी और चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस के कर्मचारी उन पर हंसते रहे, उनका मजाक उड़ाते रहे और यहां तक कहा कि वे चीनी पासपोर्ट के लिए आवेदन क्यों नहीं कर लेतीं।
जिस ट्रांजिट स्टॉप को कुछ घंटों में खत्म होना था, वह लंबी परेशानी में बदल गया। प्रेमा का कहना है कि उन्हें न सही जानकारी दी गई, न भोजन, न ही सामान्य एयरपोर्ट सुविधाओं का उपयोग करने दिया गया। उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और वैध वीजा होने के बावजूद जापान जाने वाली अगली फ्लाइट में सवार होने नहीं दिया गया।
ट्रांजिट क्षेत्र में सीमित रहने के कारण वे नई टिकट नहीं खरीद सकीं और न ही किसी अन्य टर्मिनल जा पाईं। उन्होंने यह भी दावा किया कि अधिकारियों ने दबाव बनाया कि वे सिर्फ चाइना ईस्टर्न की टिकट ही लें। इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। उनकी फ्लाइट, होटल और अन्य बुकिंग रद्द हो गईं।
बाद में यूके में मौजूद एक मित्र की मदद से वे भारतीय दूतावास से संपर्क कर सकीं। भारतीय अधिकारी देर रात एयरपोर्ट पहुंचे, पासपोर्ट वापस दिलवाया और उन्हें जापान की उड़ान में भेजा गया। प्रेमा ने इस घटना को भारत की संप्रभुता और अरुणाचल के लोगों के सम्मान का घोर उल्लंघन बताया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्रालय तथा अन्य अधिकारियों को विस्तृत शिकायत भेजी है।
उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार इस मामले को चीन के सामने मजबूती से उठाए, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और भविष्य में अरुणाचल प्रदेश से आने वाले भारतीय नागरिकों को ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।