राहुल गांधी देहरादून में शहीदों के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे
देहरादून, ( आखरीआंख ) कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी परेड ग्राउंड में रैली के बाद शहीदों के परिजनों से मिलने उनके घर गए। वहां उन्होंने परिजनों से बातचीत की। सबसे पहले वह शहीद चित्रेश बिष्घ्ट के घर गए। उन्होंने करीब 15 मिनट तक शहीद चित्रेश के पिता और परिजनों से बात की। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा, काजी निजामुद्दिन, राजीव जैन समेत अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे।
उत्तराखंड दौरे पर आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी परेड ग्राउंड में रैली को संबोधित करने से बाद शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट, विभूति शंकर ढौंडियाल और एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के परिवार से मिलने उनके घर गए। सबसे पहले राहुल गांधी नेहरू कॉलोनी स्थित शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के घर गए। इसके बाद वह एमडीडीए कॉलोनी कांवली रोड स्थित शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी के परिवार वालों से मिले। बाद में राहुल गांधी डंगवाल कॉलोनी डोभालवाला नेशविला रोड स्थित शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल के घर गए। शहीद चित्रेश बिष्ट के घर पहुंचे राहुल गांधी ने करीब 15 मिनट परिजनों से बात की। शुरुआत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी अनुग्रह सिंह आदि कांग्रेसी नेता राहुल के साथ घर में परिजनों से मिले। इसके बाद राहुल गांधी ने अन्य नेताओं से कहा कि वह परिजनों से अकेला मिलना चाहते हैं। उस पर अन्य नेता घर से बाहर चले गए। करीब 12 मिनट तक राहुल गांधी ने पिता इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट, भाई नीरज बिष्ट, माता रेखा और अन्य परिजनों से बात की। राहुल ने घटना पर दुख जताया और कहा कि पूरा देश उनके परिवार के साथ है। उन्होंने पहाड़ के युवाओं को साहस और शहादत को सलाम किया। राहुल के साथ राजेश धर्माणी, हरिश रावत, प्रीतम सिंह, लाल चंद शर्मा, सूर्यकांत धस्माना, सुलेमान अली, काजी निजामुद्दीन, पार्षद अमित भंडारी आदि मौजूद रहे। शहीद मोहन लाल रतूडी के बेटे से राहुल गांधी बोले, पिता को खोने का दुख में जानता हूं। कहा कि मेरे पिता भी एक आतंकी हमले में मारे गए थे। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया। शहीद की पत्नी को कहा कि अब आप ही को हिम्मत दिखानी है। बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी आप पर है। पूरा देश आपके साथ है। शहीद मोहन लाल रतूडी कहां तैनात थे, कब छुट्टी आए थे और कब था रिटायरमेंट, इन तमाम बिंदुओं पर राहुल गांधी ने जानकारी ली। उन्घ्होंने बच्चों से पढाई के बारे में पूछा। करीब 20 मिनट तक परिवार के साथ रहे। परिजनों ने राहुल गांधी से आतंक के सफाए की बात कही।