November 22, 2024

सरकार किस की बनेगी तय करेगा उत्तराखण्ड

बागेश्वर ( आखरीआंख ) उत्तराखंड देश के मूड के साथ चलता है। जी हां, पिछले दो लोकसभा चुनावों का रिकॉर्ड तो यही कह रहा है। देश में जिसकी सरकार बनती है, उत्तराखंड उसी दल को सांसद देता है। उत्तराखंड की जनता ने 2009 में कांग्रेस तो 2014 में भाजपा को पांचों सीटें दी। अब 2019 में देखना है कि यही ट्रेंड रहता है या कुछ बदलाव होगा।
2009 के लोकसभा चुनाव में राय की पांचों सीटों पर कांटे की टक्कर थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और मुयमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी के नेतृत्व में मंत्रियों ने प्रत्याशियों को जिताने में पूरी ताकत झोंक दी थी। चुनाव का रिजल्ट आया तो भाजपा को बड़ा झटका लगा। पांचों सीट कांग्रेस के खाते में गई। देश में फिर से मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी। 2014 में पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुयमंत्री हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए दिनरात एक कर दिया था। मुयमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत हरिद्वार से तो पूर्व मुयमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा टिहरी सीट से चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस के कद्दावर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल सीट से उमीदवार थे। भारी-भरकम उमीदवार होने के बावजूद प्रदेश से कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया था। उत्तराखंड की पांचों सीटें भाजपा की झोली में आई और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। अब तीसरा चुनाव चल रहा है। देश की जनता का मूड क्या है और वह किसे देश की सत्ता सौंपने जा रही है, इसका पता चुनाव परिणाम के दिन ही चलेगा लेकिन इतना तय है कि देश का मूड और मुद्दे उत्तराखंड के मतदाताओं को प्रभावित करते हैं।