नवरात्रों में मां की उपासना से सभी कष्टों का निवारण होता है-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी
हरिद्वार, ( आखरीआंख ) श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि नवरात्र मां की उपासना का प्रमुख त्यौहार है। नवरात्रों में मां की उपासना करने से भी कष्टों का निवारण होता है। नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अवसर पर विधि विधान द्वारा माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जो श्रद्धालु भक्त सच्चे मन से मां की शरण आ जाता है। उसके समस्त कष्टों का निवारण स्वतः ही हो जाता है और उसका जीवन उन्नति की ओर अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि मां के चरणों में शरणागत होकर हमें निरंतर नियमनिष्ठ रहकर उपासना करनी चाहिए। देवी मां का स्मरण, ध्यान हमें इस संसार की उदारता का बोध कराते है और अमृत पद की ओर ले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि मां दुर्गा आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धित्व की जननी तथा विकार रहित है। वह अंधकार व अज्ञानता रूपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी है। जो शांति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करती है। मां भगवती दुर्गा ही दुनिया की पराशक्ति है। जो साधक नियमित रूप से नवरात्र में मां की साधना करता है। देवी मां प्रसन्न होकर उसे मनवांछित फल प्रदान करती है। आचार्य पवन दत्त मिश्र ने बताया कि आज दस विधि द्वारा माई को दिव्य स्नान कराया जाएगा। तत्पश्चात कलश स्थापना कर अनुष्ठान प्रारम्भ किए जाएंगे। नवरात्र के अवसर पर प्रति रात्रि विशेष पूजा अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना पूज्य गुरू जी द्वारा की जाएगी। प्रथम मां शैलपुत्री का विशेष पूजन कर राष्ट्र की एकता अखण्डता कायम रखने के लिए कामना की जाएगी। सच्चे मन से किया गया मां का पूजन नवरात्र में सहस्त्र गुणा पुण्य फलदायी होता है। उन्होंने सभी देशवासियों को हिन्दू नववर्ष की शुभकामनाएं प्रदान की।