November 22, 2024

तीर्थपुरोहितों ने पीएम मोदी को भेजा खून से लिखा पत्र 

-श्राइन बोर्ड को काला कानून बताते हुए बोर्ड को भंग किए जाने की मांग की

नई टिहरी। उत्तराखंड सरकार के चार धाम देवस्थानम अधिनियम(श्राइन बोर्ड) को लेकर देवप्रयाग के तीर्थपुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से पत्र भेजा है। बदरीनाथ धाम तीर्थपुरोहित समाज व हक हकूकधारियो ने श्राइन बोर्ड को काला कानून बताते हुए बोर्ड को भंग किए जाने की मांग की है। शनिवार को तीर्थनगरी देवप्रयाग स्थित बस अड्डे में श्राइन बोर्ड के विरोध में तीर्थपुरोहितों का धरना दसवें दिन भी जारी रहा। इस मौके पर तीर्थपुरोहित समाज ने प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व संघ प्रमुख मोहन भागवत को भी खून से लिखा पत्र भेजा। क्रमिक धरना स्थल पर तीर्थपुरोहितों व हक हकूकधारियो ने देवस्थानम अधिनियम को काला कानून बताते हुए कहा कि उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार यहां के मठ-मंदिरों की सनातनी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करने का काम कर रही है। जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियो ने प्रधानमंत्री मोदी से चार धाम देवस्थानम जैसे काले कानून को तत्काल वापिस लिए जाने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित किये जाने की भी मांग की है। नगर संघ व्यवस्थापक व तीर्थपुरोहित सुधीर ध्यानी, देवभूमि तीर्थपुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल, अशोक जोशी आदि ने पत्र लिखने के लिए अपना खून दिया। इस मौके पर सुनील पालीवाल, अजय तिवारी, लुशन टोडरिया, मुन्ना डंगवाल, विकास रिवावाल, राहुल कोटियाल, विनोद बडोला, आशीष कोटियाल आदि मौजूद थे।

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