सड़क का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों में गुस्सा
बागेश्वर। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गांव पालड़ीछीना-जैनकरास मोटर मार्ग का निर्माण नहीं होने पर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। नाराज ग्रामीणों ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर कलक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि 2005 से स्वीकृत सड़क 12 किमी सड़क का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया है। विभाग उन्हें आश्वासन तो देता है, लेकिन मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम का बोर्ड तो लगा दिया, लेकिन उनका गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। सोमवार को पालड़ीछीना गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. महेंद्र सिंह करायत और उनकी पत्नी स्व. कमला करायत के बेटे फते सिंह करायत के नेतृत्व में ग्रामीण जिला मुयालय पहुंचे। यहां उन्होंने जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि सड़क नहीं बनने से गांव के लोगों का सब्र टूट गया है। कई बार जिलाधिकारी से मिले और आश्वासनों का पुलिंदा थमा दिया गया। वर्तमान में सिर्फ सात किमी सड़क ही कट सकी है। उन्होंने कहा कि उनकी स्व. माता ने सड़क को लेकर कई आंदोलन किए और आमरण अनशन भी करना पड़ा। तीस से अधिक बार आंदोलन के बावजूद भी जिला प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। पूर्व सीएम हरीश रावत, वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र रावत, वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत, सांसद अजय टटा और तीसरी बार विधायक बने चंदन राम दास से भी आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि सड़क नहीं बनने से प्रसव पीडि़ताओं को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। बुजुर्गों के बीमार होने पर उन्हें अस्पताल तक ले जाना मुश्किल हो गया है और वह इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। गांवों में उत्पादित फल, सब्जी और अन्य अनाज को बाजार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन तेज करेंगे। इस मौके पर लक्ष्मण सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, शंकर सिंह, तारा दत्त जोशी, पूरन चंद्र, नंदाबल्लभ जोशी, बनी राम, मोहन राम, हिमांशु बिष्ट, प्रदीप बिष्ट, नरेंद्र बिष्ट, महेश लाल, शिव सिंह करायत आदि मौजूद रहे।