साल के आखिरी सूर्य ग्रहण से रहें सावधान, हो सकता है कष्टदायी, किन किन राशियों पर पड़ेगा असर
बागेश्वर । 26 दिसंबर को लगने वाले साल का आखिरी सूर्य-ग्रहण लोगों की राशि पर बुरा प्रभाव डालने वाला है। या यूं कहें कि 12 राशियों में से नौ राशियों पर यह ग्रहण हानि पहुंचाएगा तो तीन राशियों के लिए यह काफी लाभप्रद होगा। यह सूर्य-ग्रहण भारतवर्ष में पडऩे वाला दूसरा प्रमुख ग्रहण है। इसके पूर्व 16 जुलाई मंगलवार को चंद्र-ग्रहण भी उत्तराषाढ़ नक्षत्र, धनुराशि पर ही पड़ा था। 26 दिसबर का सूर्य-ग्रहण भी मूल नक्षत्र, धनुराशि पर ही है। पूर्व की जनश्रुति के अनुसार कहा गया है कि ‘षट माह दुई गहना, राजा मरै कि सेना अर्थात छ:माह के अंदर यदि दो ग्रहण पड़े तो या तो राजा पर घात करता है या फिर सेना यानि जनता किसी न किसी रूप में त्रस्त होती है।
सूर्यग्रहण का इस तरह पड़ेगा राशियों पर असर- पंडित दिनेश कुमार पांडे ने बताया कि सूर्यग्रहण के स्पर्श-समय पर पांच ग्रह-सूर्य, चंद्रमा, वृहस्पति, शनि एवं केतु एक साथ मकर लग्न से बारहवें स्थान पर एकत्रित रहेंगे। ये पंच-ग्रह धनुराशि पर रहेंगे जो देश काल की दृष्टि से निन एवं घात योग बना रहे हैं। रक्तपात, हिंसा एवं विरोध की भावना अनायास जन-मानस में व्याप्त होगी। देश की आर्थिक-व्यवस्था पर इस ग्रहण का विपरीत प्रभाव पड़ेगा,जो जन सपत्ति की क्षति के रूप में दृष्टिगत होगा। असमय वृष्टि से कृषि की क्षति होगी, शीत का प्रकोप बढ़ेगा। भारतवर्ष के लगभग सभी क्षेत्र में दृश्य इस खंडसूर्यग्रहण का प्रभाव जन-जीवन पर तो विपरीत पड़ेगा ही साथ ही 12 राशियां पृथक-पृथक भाव में ग्रहण से प्रभावित रहेंगी। विशेषकर धनुराशि वालों के लिए यह सूर्य-ग्रहण असहनीय कष्टकारक होगा। वहीं तुला, कुंभ व मीन राशि वालों के यह ग्रहण काफी लाभप्रद होगा।
किन राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव –
मेष राशि – मान-नाश, स्त्री-कष्ट
वृष राशि – भौतिक सुख के साथ शारीरिक पीड़ा भी होगी
मिथुन राशि – मानसिक चिंता
कर्क राशि – स्वास्थ्य-बाधा
सिंह राशि – व्याधि एवं चिंता
कन्या राशि – व्यथा
तुला राशि – श्री एवं धन प्राप्ति
वृश्चिक राशि – कार्य-क्षति
धनु राशि – घात, मृत्युतुल्य पीड़ा
मकर राशि – अनेकश हानि।
कुभ राशि – धन प्राप्ति एवं लाभ
मीन राशि – शारीरिक एवं राय-सुख
सूर्यग्रहण से सभी राशियां हो सकती हैं प्रभावित- पंडित दिनेश चंद्र पांडेय ने बताया कि सूर्य-ग्रहण से कमोबेश सभी राशियां ग्रहण से प्रभावित रहेंगी। अंत:ग्रहण काल में सूर्य का दर्शन न करें तथा ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। ग्रहण के बाद पहना हुआ वस्त्र, काला तिल, सरसों का तेल, तथा नमक दान कर दरिद्रनारायण को दें। ऐसा करने से ग्रहण का प्रकोप कम होगा। ग्रहण का स्पर्श-प्रात: 8 बजकर 21 मिनट पर होगा। ग्रहण की समाप्ति दिन में-11 बजे होगी। अत:संपूर्ण ग्रहण-काल में भगवत-भजन ,जाप करते रहना श्रेयस्कर होगा।