बागेश्वर में डुंगरगांव-मजबे के ग्रामीणों का प्रदर्शन
बागेश्वर। शहीद रमेश सिंह परिहार के गांव डुंगरगांव आज भी मोटर मार्ग से नहीं जुड़ सका है। छह साल पहले शुरू हुए सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। आक्रोशित ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर शासन- प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने डीएम को ज्ञापन देकर एक फरवरी से सड़क का काम शुरू करवाने की मांग की। साथ ही तय समय में मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। सोमवार को ग्राम प्रधान ललित मोहन सिंह परिहार के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया नब्बे के दशक से डुंगरगांव को सड़क से जोडऩे की मांग की जा रही थी। साल 2014 में रुनीखेत-अमतौड़ा-डुंगरगांव मोटर मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। अमतौड़ा के बजीगांव तक सड़क काटने के बाद विभाग ने काम बंद कर दिया। तब से ग्रामीण लगातार सड़क का काम पूरा करवाने की मांग कर रहे हैं। बताया सड़क नहीं होने से ग्राम पंचायत के तीनों तोक से लगातार पलायन हो रहा है। नैल गांव में पूर्व में 60 परिवार निवास करते थे, जो घटकर 35 रह गए हैं। डुंगरगांव के 50 में से 22 परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं। मजबे गांव का हाल अधिक बुरा है। यहां पूर्व में 40 परिवार थे, पलायन के बाद अब मात्र 12 ही बचे हैं। गांव में बचे नहीं होने से प्राथमिक विद्यालय भी बंद हो गया है। खेत-खलिहान भी लगातार बंजर होते जा रहे हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जल्द सड़क का काम दोबारा शुरू करवाने की मांग की। उन्होंने कहा अगर एक फरवरी से निर्माण कार्य दोबारा शुरू नहीं हुआ तो ग्रामीण उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। यहां शहीद की पत्नी पुष्पा देवी, नंदन सिंह, नारायण सिंह, रमेश चंद्र जोशी, पूरन सिंह, खड़क सिंह, हरीश सिंह, लक्ष्मण सिंह, दिनेश सिंह, सावित्री देवी, चंपा देवी, नीमा देवी, रेवती देवी, हेमा देवी, रेखा देवी, बसंती देवी आदि मौजूद रहे।