नोटिस के दबाव से झुकने वाली नहीं हैं कार्यकत्रियां : विमला कोहली
बागेश्वर। न्यूनतम मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आंदोलन 32वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को संगठन की प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली ने धरने में भागीदारी की। उन्होंने कार्यकत्रियों का हौसला बढ़ाया। कहा कि सरकार कमजोर कार्यकत्रियों को नोटिस से डराने का काम कर रही है। इस तरह की नीतियों से कोई भी कार्यकर्ता झुकने वाला नहीं है। उन्होंने मांग पूरी होने तक आंदोलन पर डटे रहने की चेतावनी दी। बाल विकास विभाग ने तीन दिन के भीतर कार्यकत्रियों से काम पर लौटने को कहा था। इसके बावजूद तहसील परिसर में जिले की सभी कार्यकत्रियां धरना प्रदर्शन कर रही हैं। वहां पहुंची प्रदेश उपाध्यक्ष कोहली ने कहा कि सरकार कार्यकत्रियों के काम को मात्र तीन घंटे का मानती है, जबकि उन्हें पूरे 24 घंटे काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कई सारी जिमेदारियों को निभाने के बावजूद उन्हें बहुत कम मानदेय दिया जाता है। अब अपनी मांग मनवाने को आंदोलन किया तो नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा। जिले की सभी कार्यकत्रियां एकजुट हैं। घरों में नोटिस चिपकाए जाने का उन पर कोई असर होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बर्खास्त कर सकती है, लेकिन अपनी जायज मांगों के लिए वह अंतिम दम तक संघर्ष करेंगी। उन्होंने जरुरत पडऩे पर आंदोलन को उग्र करने की भी चेतावनी दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष भगवती जोशी, लीला आर्या, हंसी ऐठानी, मंजू रावत, जानकी परिहार, मुन्नी, रमा गढिय़ा, माया, देवकी सहित तमाम कार्यकत्रियां मौजूद रहीं।834 केंद्रों में लटके ताले:बागेश्वर। जिले में कुल 834 आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। कार्यकत्रियों की हड़ताल से यहां ताले लटक गए हैं। इसके अलावा कार्य बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पोषण मिशन, टेक होम राशन सहित तमाम अन्य कार्य ठप पड़ गए हैं। कार्यकत्रियों ने मांग पूरी नहीं होने पर सभी परियोजनाओं में भी ताले लटकाने की बात कही है।