मौसमी बीमारियां रोकने को सावधानी और जागरूकता बेहद जरूरी: डीएम
बागेश्वर। डीएम रंजना राजगुरु ने कहा कि मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के साथ बुखार, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां फैलती हैं। सावधानी और स्वछता से इन बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है। उन्होंने अधिकारियों को नगर से लेकर गांव स्तर पर बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। जिला कार्यालय सभागार में डीएम ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए हर साल विभिन्न कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इसके चलते हाल के वर्षों में पीलिया में 28 और डायरिया में 10 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों को अपने आसपास पानी एकत्र नहीं होने देने और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए प्रेरित करने को कहा। जिला पंचायत राज अधिकारी से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानों के साथ समन्वय बनाकर व शहरी क्षेत्रों में ईई जल संस्थान से पानी के टैंकों की बेहतर ढंग से समय-समय पर सफाई करवाने को कहा। प्राकृतिक स्रोतों को भी साफ करने व उनके आसपास ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के निर्देश दिए। डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के लिए ईओ से नगर की निरंतर सफाई करवाने और प्रतिष्ठानों में फागिंग करवाने को कहा। दुकानदारों से खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखने को कहा। बाल विकास से सभी ग्राम पंचायतों में शिक्षकों, आशा, आंगनबाड़ी वर्कर्स व ग्राम प्रहरी का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें बीमारी से बचाव के लिए लगातार निर्देश देने को कहा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान चल रही ऑनलाइन पढ़ाई के साथ बचों को मौसमी बीमारियों व बचाव की जानकारी देने के निर्देश दिए। सीएमओ को सभी अस्पतालों की सफाई पर विशेष ध्यान देने और डेंगू के लक्षण एवं बचाव के लिए पंपलेट, पोस्टर से नगर से लेकर गांव तक जागरूकता कार्यक्रम कराने को कहा। बैठक में सीडीओ डीडी पंत, सीएमएस डॉ. एमपी त्रिपाठी, डिप्टी सीएमओ डॉ. वीके सक्सेना, डॉ. एनएस टोलिया, ईओ राजदेव जायसी सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
डेंगू होने पर घबराएं नहीं, डॉक्टरी जांच कराएं : सीएमओ
बागेश्वर। सीएमओ डॉ. बीएस रावत ने बताया कि डेंगू बीमारी में अचानक तेज सर दर्द, बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों व आंखों के नीचे दर्द, जी मिचलाना व उल्टी होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आने लगता है और त्वचा पर चकत्ते उभर आते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू होने पर घबराने की बजाय डॉक्टरी जांच करानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर दवा लेने के साथ अधिक मात्रा में उबला पानी व पोष्टिक आहार लेना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि डेंगू मादा एडीज एडीज इजिप्टाई मछर के काटने से फैलता है। यह मछर रूके हुए पानी में पनपता है। जिसे पैदा होने से रोकने के लिए पानी की टंकी, जल भंडारण की वस्तुओं को ढककर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि 104 नंबर पर फोन कर बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की जा सकती है।