September 29, 2024

उत्तराखंड राज्य के शहीद आंदोलनकारियों को एक विनम्र श्रद्धांजलि, गोली कांड पर एक नजर

खटीमा गोलीकाण्ड
एक सितम्बर 1994 को उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के ऊपर पुलिस की फायरिंग से 7 आन्दोलनकारियों की मौत हो गई।

खटीमा गोलीकाण्ड में मारे गए शहीद:-

शहीद स्व. भगवान सिंह सिरौला, ग्राम श्रीपुर बिछुवा, खटीमा
शहीद स्व. प्रताप सिंह, खटीमा
शहीद स्व. सलीम अहमद, खटीमा
शहीद स्व. गोपीचन्द, ग्राम रतनपुर फुलैया, खटीमा
शहीद स्व. धर्मानन्द भट्ट, ग्राम अमरकलाँ, खटीमा
शहीद स्व. परमजीत सिंह, राजीवनगर, खटीमा
शहीद स्व. रामपाल, बरेली
इस पुलिस फायरिंग में बिचपुरी निवासी बहादुर सिंह और श्रीपुर बिछुवा निवासी पूरन चन्द भी गम्भीर रुप से घायल हुए थे।

मसूरी गोलीकाण्ड
2 सितम्बर, 1994 को खटीमा गोलीकाण्ड के विरोध में मौन जुलूस निकाल रहे लोगों पर एक बार फिर पुलिसिया क़हर टूटा। प्रशासन से बातचीत करने गई दो सगी बहनों को पुलिस ने झूलाघर स्थित आन्दोलनकारियों के कार्यालय में गोली मार दी। इसका विरोध करने पर पुलिस ने फ़ायरिंग कर दी। जिसमें कई (लगभग २१) लोगों को गोली लगी। इसमें से चार आन्दोलनकारियों की अस्पताल में मौत हो गई।

मसूरी गोलीकाण्ड में मारे गए शहीद:-
शहीद स्व. बेलमती चौहान ग्राम खलोन, पट्टी घाट, अकोदया, टिहरी
शहीद स्व. हंसा धनई ग्राम बंगधार, पट्टी धारमण्डल, टिहरी
शहीद स्व. बलबीर सिंह नेगी, लाइब्रेरी, मसूरी
शहीद स्व. धनपत सिंह ग्राम गंगवाड़ा, पट्टी गंगवाड़स्यूँ, टिहरी
शहीद स्व. मदन मोहन ममगाईं ग्राम नागजली, पट्टी कुलड़ी, मसूरी
शहीद स्व. राय सिंह बंगारी ग्राम तोडेरा, पट्टी पूर्वी भरदार, टिहरी

रामपुर तिराहा (मुज़फ़्फ़रनगर) गोलीकाण्ड

2 अक्टूबर, 1994 की रात्रि को दिल्ली रैली में जा रहे आन्दोलनकारियों का रामपुर तिराहा, मुज़फ़्फ़रनगर में पुलिस-प्रशासन ने निहत्थे आन्दोलनकारियों को रात के अन्धेरे में चारों ओर से घेरकर गोलियाँ बरसाई। पहाड़ की सीधी-सादी महिलाओं के साथ दुष्कर्म तक किया। इस गोलीकाण्ड में राज्य के 7 आन्दोलनकारी शहीद हो गए थे। इस गोलीकाण्ड के दोषी आठ पुलिसवालों पर, जिनमें तीन पुलिस अधिकारी भी हैं, पर मामला चल रहा है।

रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड में मारे गए शहीदः-
शहीद स्व. सूर्यप्रकाश थपलियाल चौदह बीघा, मुनि की रेती, ऋषिकेश
शहीद स्व राजेश लखेड़ा अजबपुर कलाँ, देहरादून
शहीद स्व. रवीन्द्र सिंह रावत नेहरू कॉलोनी, देहरादून
शहीद स्व. राजेश नेगी भानियावाला, देहरादून
शहीद स्व. सतेन्द्र चौहान ग्राम हरिपुर, सेलाक़ुईं, देहरादून
शहीद स्व गिरीश भद्री आजबपुर ख़ुर्द, देहरादून
शहीद स्व. अशोक कुमार मन्दिर मार्ग, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग

देहरादून गोलीकाण्ड

3 अक्टूबर, 1994 को रामपुर तिराहा गोलीकाण्ड की सूचना देहरादून में पहुँचते ही लोग उग्र हो गए। इस काण्ड में शहीद स्व. रवीन्द्र सिंह रावत की शवयात्रा पर पुलिस ने लाठीचार्ज की जिससे स्थिति और उग्र हो गई। लोगों ने पूरे देहरादून में इसके विरोध में प्रदर्शन किया। जिसमें पहले से ही जनाक्रोश को किसी भी हालत में दबाने के लिये तैयार पुलिस ने फ़ायरिंग कर दी। जिसने तीन और लोगों को इस आन्दोलन में शहीद कर दिया।

देहरादून गोलीकाण्ड में मारे गए शहीद:-
शहीद स्व. बलवन्त सिंह सजवाण ग्राम मल्हान, नयागाँव, देहरादून
शहीद स्व. दीपक वालिया, ग्राम बद्रीपुर, देहरादून
शहीद स्व. राजेश रावत चन्द्र रोड, नई बस्ती, देहरादून
स्व. राजेश रावत की मौत तत्कालीन समाजवादी पार्टी नेता सूर्यकान्त धस्माना के घर से हुई फ़ायरिंग में हुई थी।

कोटद्वार काण्ड

3 अक्टूबर 1994 को पूरा उत्तराखण्ड रामपुर तिराहा काण्ड के विरोध में उबल रहा था। पुलिस-प्रशासन किसी भी प्रकार से इसके दमन के लिये तैयार था। इसी कड़ी में कोटद्वार में भी आन्दोलन हुआ, जिसमें दो आन्दोलनकारियों को पुलिसकर्मियों द्वारा राइफ़ल के बटों व डण्डों से पीट-पीटकर मार डाला।

कोटद्वार काण्ड में मारे गए शहीद:-
शहीद स्व. राकेश देवरानी
शहीद स्व. पृथ्वी सिंह बिष्ट, मानपुर ख़ुर्द, कोटद्वार

नैनीताल गोलीकांड
नैनीताल में भी विरोध चरम पर था, यहां पर भी पुलिस का तांडव देखने को मिला।

नैनीताल गोलीकाण्ड में मारे गए शहीद:-
शहीद स्व. प्रताप सिंह

श्रीयन्त्र टापू (श्रीनगर) काण्ड
श्रीनगर शहर से 2 कि०मी० दूर स्थित श्रीयन्त्र टापू पर आन्दोलनकारियों ने 7 नवम्बर, 1994 से इन सभी दमनकारी घटनाओं के विरोध और पृथक उत्तराखण्ड राज्य हेतु आमरण अनशन की शुरुआत की। 10 नवम्बर, 1994 को पुलिस ने इस टापू में पहुँचकर अपना क़हर बरपाया। जिसमें कई लोगों को गम्भीर चोटें भी आई और अलकनन्दा नदी में दो युवक बह गए जिससे इन दोनों की मौत हो गई।

श्रीयन्त्र टापू में मारे गए शहीद:-

शहीद स्व. राजेश रावत
शहीद स्व. यशोधर बेंजवाल
इन दोनों शहीदों के शव 14 नवम्बर, 1994 को बागवान के समीप अलकनन्दा नदी में तैरते हुए पाए गए थे।