December 23, 2024

कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जताई नाराजगी

हरिद्वार। 2021 कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने राय सरकार से गहरी नाराजगी जताई है। परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने वर्ष 2010 के हरिद्वार कुंभ की तरह व्यवस्था नहीं की तो परिषद अखाड़ों और आश्रमों के साथ मिलकर खुद इसकी व्यवस्था कर लेगी, जिसकी शुरुआत चार जनवरी के बाद की जाएगी। इसकी समस्त जिमेदारी सरकार और मेला अधिष्ठान की होगी। यह भी तय किया गया कि यदि इस दौरान कोरोना संक्रमण बढ़ा तो 20 फरवरी के बाद सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए अखाड़े सूक्ष्म स्तर पर प्रतीकात्मक तौर पर कुंभ का आयोजन करेंगे। शुक्रवार को हरिद्वार कनखल स्थित श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन में परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में यह सामूहिक निर्णय लिया। बैठक में संतों ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण के दौरान राजनीतिक रैलियों, चुनावी सभाओं, चुनाव व रोड शो के साथ-साथ नए साल के जश्न को होटलों में खुली छूट दी जा रही है। पर, धार्मिक आयोजन पर कोरोना संक्रमण के नाम पर पाबंदी लगायी जा रही है। नाराज संतों ने बैठक के दौरान ही अखाड़ा परिषद की ओर इस संदर्भ में तैयार पत्र मेलाधिकारी दीपक रावत के माध्यम से मुयमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेजा। जिसमें संतों ने कुंभ को परंपरागत रूप से संपन्न कराने के लिए भूमि आवंटन करने व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। पत्रकारों को बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि बैठक में संतों ने निर्णय लिया है कि यदि सरकार सहयोग नहीं करती है तो अखाड़े व संत-समाज अपने-अपने संसाधनों से कुंभ को दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराएंगे। उन्होंने कहा कि कुंभ में अखाड़ों से जुड़े जगद्गुरु, धर्माचार्य, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, रामानंदाचार्यों सहित संत महापुरुष स्नान के लिए हरिद्वार आएंगे, इसलिए पहले के कुंभ मेलों के तरह इस बार भी उनकी व्यवस्था उसी तरह की जाएगी। उसमें कोई फेरबदल नहीं होगा। सरकार व मेला प्रशासन शिविरों के लिए भूमि आवंटन व सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्काल काम शुरू करे। इससे पूर्व बैठक के लिए श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन पहुंचने पर अखाड़ों के मुखिया महंत भगतराम महाराज एवं महासचिव जगतार मुनि ने अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। बैठक में श्रीमहंत रविंद्रपुरी, महंत जसि‍विंदर सिंह, श्रीमहंत सत्यगिरी, श्रीमहंत साधनानंद, महंत दामोदरदास, महंत रामशरणदास, महंत गौरीशंकर दास, महंत रविंद्रपुरी, महंत मंगलदास, महंत रामकुमार दास, महंत मनीष दास, श्रीमहंत नारायण गिरी, श्रीमहंत प्रेम गिरी आदि संत मौजूद रहे।