December 22, 2024

अंतिम शाही स्नान पर अखाड़ों ने हरकी पैड़ी पर किया गंगा स्नान 

हरिद्वार। कोरोना के साए में हुए कुंभ मेला 2021 के अंतिम शाही स्नान पर विभिन्न अखाड़ों के संतों ने हरकी पैड़ी पर स्नान कर मां गंगा से देश दुनिया से कोरोना महामारी समाप्त करने की प्रार्थना की। मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर कुंभ मेले का अंतिम शाही स्नान करने के लिए सबसे पहले निंरजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज के नेतृत्व में निरंजनी व आनन्द अखाड़े के संत हरकी पैड़ी पहुंचे। इसके बाद श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के श्रीमहंत व अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महाराज के नेतृत्व में जूना, अग्नि व आह्वान अखाड़े के संत स्नान के लिए पहुचे। जूना व उसके सहयोगी अखाड़ों के साथ किन्नर अखाड़े के संतों ने भी आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में शाही स्नान किया। इसके उपरांत महानिर्वाणी अखाड़े के संत स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। स्नान के लिए पहुंचे सभी संतों को मेला अधिकारी दीपक रावत, कुंभ मेला पुलिस के आईजी संजय गुंयाल, एसएसपी जनमेजय खण्डूरी, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह आदि के नेतृत्व में मेला प्रशासन की और से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। संतों ने कोविड नियमों मास्क लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए गंगा स्नान किया। कोरोना के खतरे को देखते हुए भव्य शाही जुलूस के बजाए सौ व पचास की टोली में वाहन में सवार होकर संत शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। चैत्र पूर्णिमा को होने वाला कुंभ मेले का अंतिम शाही स्नान वैष्णव वैष्णव अखाड़ो का प्रमुख स्नान पर्व होता है। लेकिन कोरोना के साए के बीच संपन्न हुए अंतिम शाही स्नान पर तीनों बैरागी अनी अखाड़ों के श्रीमहंतों के नेतृत्व में लाव लश्कर व भव्य शाही जुलूस के बजाए वैष्णव संत भी वाहनों में सवार होकर गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। स्नान के लिए पहुंचे वैष्णव संतों का मेला प्रशासन की और से भव्य स्वागत किया गया। श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास दास व श्रीमहंत रामकृष्ण दास के नेतृत्व में हरकी पैड़ी पहुंचे वैष्णव संतों ने सबसे पहले अपने ईष्टदेव को गंगा स्नान कराया। इसके बाद स्वयं स्नान कर देश दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। वैष्णव अखाड़ों के बाद श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन व श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के संतों ने हरकी पैड़ी पर शाही स्नान किया। सबसे अंत में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने शाही स्नान किया।