टी-20 वल्र्डकप के बीच ऑस्ट्रेलियाई टीम को सदमा, दो दिग्गज क्रिकेटर्स का निधन
दुबई , । भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के पहले मैच में मिली हार के बाद धर्म को लेकर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को निशाना बनाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए उन्हें ‘रीढहीन लोगों का समूहÓ करार दिया। पाकिस्तान से दस विकेट से मिली हार के बाद शमी आलोचकों के निशाने पर थे हालांकि कोहली ने मैच के बाद कहा था कि पाकिस्तान ने भारतीय टीम से बेहतर प्रदर्शन किया। कोहली ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मैदान पर हमारे खेलने की एक अच्छी वजह है। सोशल मीडिया पर लिखने वाले वे रीढहीन लोग नहीं जिनमें किसी व्यक्ति से आमने सामने बात करने का साहस नहीं है। उन्होंने कहा, यह इंसानियत का सबसे निचला स्तर है। किसी पर धर्म के आधार पर हमला करने से ज्यादा निराशाजनक कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, कभी धर्म के आधार पर पक्षपात के बारे में नहीं सोचा। धर्म बहुत पवित्र चीज है। हमारे भाइचारे और दोस्ती को हिलाया नहीं जा सकता और इन चीजों से फर्क नहीं पड़ता। जो लोग हमें समझते हैं, मैं उन्हें श्रेय देता हूं। भारत की हार के बाद शमी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर सैकड़ों संदेश थे जिनमें लिखा गया था कि वह गद्दार है और उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर देना चाहिए। उनके प्रशंसकों और हर क्षेत्र की जानी मानी हस्तियों ने हालांकि उनका समर्थन किया।
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टी-20 वल्र्डकप के बीच ऑस्ट्रेलियाई टीम को सदमा, दो दिग्गज क्रिकेटर्स का निधन
सिडनी , । ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम अभी टी20 वर्ल्ड कप 2021 में खेल रही है। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के दो महान क्रिकेटरों के निधन की खबर है। एक दिन के अंदर ही दोनों ने अंतिम सांस ली है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 30 अक्टूबर को बताया कि पूर्व ऑलराउंडर एलन डेविडसन का 92 साल की उम्र में निधन हो गया, वहीं पूर्व ऑफस्पिनर 76 साल के एश्ले मेलेट भी गुजर गए, वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। एलन डेविडसन उपयोगी बल्लेबाज के साथ ही गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की काबिलियत रखते थे। उन्होंने 1953 से 63 के बीच 44 टेस्ट मैच खेले। पाकिस्तान के वसीम अकरम के इंटरनेशनल क्रिकेट में आने से पहले तक वे दुनिया के सबसे अच्छे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज माने जाते थे। उन्होंने 20.53 की औसत से 186 विकेट लिए, साथ ही 24.59 की औसत से 1328 रन बनाए। डेविडसन स्लिप के अच्छे फील्डर भी थे और अपने पास से कैच जाने नहीं देते थे। इसके चलते उन्हें उनके टीम साथी कीथ मिलर ने क्लॉ (पंजा) का निकनेम दिया था। वे टीम में बैटिंग और बॉलिंग के साथ ही फील्डिंग से भी भरपूर योगदान दिया करते थे। 1960 में ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच हुए टाई टेस्ट में डेविडसन अंगुली टूटी होने के बाद भी खेले थे। इस मैच में उन्होंने 222 रन देकर कुल 11 विकेट लिए थे, साथ ही 124 रन भी बनाए थे। आखिरी पारी में उन्होंने 80 रन बनाए और टीम को पांच विकेट पर 52 रन के स्कोर से 232 रन तक ले गए थे। यह टेस्ट क्रिकेट में पहला मौका था जब किसी खिलाड़ी ने एक ही मैच में 10 विकेट लेने के साथ ही 100 रन बनाए हो। वहीं एश्ले मेलेट ने 1968 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने कुल 38 टेस्ट खेले और 132 विकेट लिए थे। उन्होंने आखिरी टेस्ट 1980 में खेला था। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले ऑफ स्पिन गेंदबाजों में वह तीसरे नंबर पर हैं। उनसे ज्यादा विकेट ऑस्ट्रेलिया के नाथन लॉयन (399) और ह्यू ट्रंबल (141) में लिए थे। मेलेट ने 1969-70 में भारत के खिलाफ बिल लॉरी की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से जिताने में अहम रोल निभाया था। इस सीरीज में उन्होंने 19.1 की औसत से 28 विकेट लिए थे। सीरीज के आखिरी टेस्ट में उनके नाम 10 विकेट थे।