०० )किसानों के संघर्ष के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा: केजरीवाल
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों कृषि कानून को वापस लिए जाने के बाद सभी विपक्षी दोनों ने इसका स्वागत । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद केंद्र सरकार द्वारा तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा को जनतंत्र की जीत करार दिया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले कानून वापस लेने पड़े और किसानों ने बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी पड़ेगी। भारत के इतिहास में आज एक सुनहरा दिन है और आज का दिन भारतीय इतिहास में 15 अगस्त और 26 जनवरी की तरह लिखा जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि आतंकवादी, खालिस्तानी और राष्ट्र विरोधी कह कर किसानों के हौसले तोडऩे की कोशिशें की गईं, लेकिन आजादी के दिवानों की तरह किसानों ने लड़ाई लड़ी और जीते वही अगर यह कानून पहले वापस ले लिए जाते तो, आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों की जानें बचाई जा सकती थीं। केजरीवाल ने कहा कि शहीद हुए सभी किसानों को मेरा नमन और उनके परिवारों को कोटि- कोटि प्रमाण है। आज का दिन हमारे देश के बच्चों व नौजवानों के लिए एक सीख है कि अगर सही नियत से शांति पूर्ण तरीके से संघर्ष करो, तो मंजिल कितनी भी कठिन और दूर क्यों न हो, सफलता मिलती है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज एक बात का बहुत दुख है कि इस आंदोलन में 700 से ज्यादा हमारे किसानों ने जान गंवा दी जबकि इसकी जरूरत नहीं थी। अगर यह कानून पहले वापस ले लिए जाते तो, उनकी जानें बचाई जा सकती थी। हमारे किसान भाईयों और बहनों को इतने महीने सड़क पर बैठ कर ठंड में, बरसात में, धूप में, तकलीफ उठाने की जरूरत नहीं होती। आज 700 से ज्यादा किसानों की जान चली गई। 700 से ज्यादा परिवार उजड़ गए। आखिर किस लिए? इन शहीदों को मेरा नमन है। इनके परिवार को भी मेरा कोटि-कोटि प्रमाण है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए वाहे गुरूजी से प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार के सभी कष्ट दूर करें। पर आपकी कुर्बानियों को यह देश कभी नहीं भूलेगा। आज का दिन हमारे देश के बच्चों और नौजवानों के लिए एक सीख है कि अगर सही नियत से शांति पूर्ण तरीके से संघर्ष करो, तो फिर मंजिल चाहे कितनी भी कठिन और दूर क्यों न हो, सफलता मिलती है।