April 30, 2024

यूक्रेन के साथ युद्ध का असर : दुनिया का सबसे ज्यादा प्रतिबंधित देश बना रूस, ईरान को भी छोड़ा पीछे

व)यूक्रेन संकट : सूमी में रूस का हमला, 2 बच्चों समेत 21 नागरिकों की मौत
कीव , । रूस की ओर से कई दिनों से लगातार हमले ने यूक्रेन को तबाह कर दिया। युद्ध के 12वें दिन हुई रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला। वहीं एक बाऱ फिर से जेलेंस्की ने दम दिखाते हुए कहा कि मैं किसी से नहीं डरता। इसी बिच बड़ी जानकारी सामने आई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दावा कर दिया है कि रूस की तरफ से अब सुमी में एयर बम से हमला किया जा रहा है। उनकी माने तो मारियूपोल में तो एक बच्चे ने अपनी जान भी गंवा दी है। इसी बीच खबर मिली है कि यूक्रेन के सूमी में रूस ने बड़ा हमला किया, जिसमे 2 बच्चों समेत 21 नागरिकों की मौत हो गई। इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर चीन के राष्ट्रपति ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दोनों ही देशों को इस समय बातचीत के जरिए समस्या को हल करना होगा। जोर देकर बोला गया है कि वर्तमान स्थिति काफी चिंताजनक है।
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)यूक्रेन के साथ युद्ध का असर : दुनिया का सबसे ज्यादा प्रतिबंधित देश बना रूस, ईरान को भी छोड़ा पीछे
मॉस्को , । यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध के कारण रूस दुनिया में सबसे अधिक प्रतिबंध झेल रहा देश बन गया है, बल्कि रूस ने इस मामले में उत्तर कोरिया को भी पीछे छोड़ दिया है। रूस और ईरान के बाद, सबसे अधिक अस्वीकृत देशों की लिस्ट में सीरिया, उत्तर कोरिया, वेनेजुएला, म्यांमार और क्यूबा शामिल हैं। न्यूयॉर्क स्थित प्रतिबंध निगरानी साइट कैस्टेलम डॉट एआई ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा डोनेट्स्क और लुहान्स्क के दो यूक्रेनी विद्रोही क्षेत्रों को स्वतंत्र राज्य घोषित करने के एक दिन बाद 22 फरवरी को रूस पर अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए थे।
रूस ने 24 फरवरी को रूस के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों की घोषणा के बाद, सैकड़ों और प्रतिबंधों का पालन किया। साइट ने कहा कि 22 फरवरी से पहले रूस के खिलाफ 2,754 प्रतिबंध पहले से ही लागू थे और हमले के बाद के दिनों में 2,778 अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए गए, जिससे कुल 5,532 प्रतिबंध लगे।
रूस की संख्या अब ईरान के 3,616 प्रतिबंधों से आगे निकल गई है, तेहरान को शीर्ष स्थान से हटा दिया है। साइट के अनुसार, प्रतिबंधों के साथ रूस को लक्षित करने वाले देश और क्षेत्र स्विट्जरलैंड (568), यूरोपीय संघ (518), कनाडा (454), ऑस्ट्रेलिया (413), यूएस (243), यूके (35) और जापान (35) हैं। यूक्रेन के आक्रमण को रोकने के प्रयास में दुनिया भर के देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
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)कंधार हाईजैक में शामिल आतंकी कराची में ढेर, घर में घुसकर की गई हत्या
इस्लामाबाद ,। साल 1999 में एयर इंडिया का विमान आईसी-814 को हाईजैक करने में शामिल जहूर मिस्त्री उर्फ जाहिद अखुंद की एक मार्च को पाकिस्तान के कराची में हत्या हो गई है। जहूर मिस्त्री उर्फ जाहिद अखुंद दिसंबर 1999 में कंधार हाईजैक के पांच अपहरणकर्ताओं में से एक था। कराची में बाइक सवार बदमाशों ने गत एक मार्च को जहूर की गोली मारकर हत्या कर दी। हमले के वक्त जहूर कथित रूप से अपने घर में था। जहूर की हत्या पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) भी सन्न रह गई है।  
जहूर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था और वह एक कारोबारी के रूप में पाकिस्तान में छिपा हुआ था। जैश के इस आतंकवादी पर हमला करने वाले दो हमलावर बाइक से आए थे। सीसीटीवी फुटेज में ये दोनों हमलावर दिखाई दिए हैं। इन दोनों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था इसलिए उनकी पहचान नहीं हो पाई। रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि दोनों हमलावरों ने पहले इलाके की रेकी की और इसके बाद हमले को अंजाम दिया।  
24 दिसंबर 1999 को हाईजैक हुआ भारतीय विमान
24 दिसंबर 1999 को एयर इंडिया के विमान आईसी-814 ने राजधानी काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। विमान के उड़ान भरने के कुछ देर बाद आतंकवादियों ने इसे हाईजैक कर लिया। आतंकवादी इस विमान को कंधार ले गए। अफगानिस्तान पर उस वक्त तालिबान का राज था। इन आतंकवादियों का मुख्य मकसद भारतीय जेल में बंद खूंखार आतंकवादियों को छुड़ाना था। विमान में सवार भारतीयों की सुरक्षित रिहाई के लिए तत्कालीन भारत सरकार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगार, अहमद उमर सईद शेख को छोडऩा पड़ा। आतंकवादियों ने विमान के 176 यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाए रखा था। बताया जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकवादियों के साथ मिली हुई थी और उसने आतंकियों का सहयोग किया।
00)रूस की चेतावनी- दोगुने से भी ज्यादा बढ़ सकते हैं पेट्रोल के भाव, 300 डॉलर पहुंचेगा क्रुड ऑयल
कीव ,08 मार्च ।  रूस ने चेतावनी दी है कि क्रूड ऑयल कि कीमतें 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। पश्चिमी देशों को तेल की कीमतों में 300 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का सामना करना पड़ सकता है और रूस-जर्मनी गैस पाइपलाइन के बंद होने का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे किसी भी प्रतिबंध का ग्लोबल मार्केट पर बड़ा असर दिखेगा। रूस की ग्लोबल क्रूड सप्लाई में 8 फीसदी जबकि यूरोप को सप्लाई में 30 फीसदी हिस्सेदारी है।
अमेरिका ने पिछले दिनों कहा था कि हम यूरोपीय यूनियन के साथ मिलकर रूस की क्रूड सप्लाई रोक देंगे। इसके बाद ग्लोबल मार्केट में क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था।
नोवाक ने यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए कहा, रूस की एनर्जी सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने की सोचना भी नहीं, वरना हम जर्मनी को होने वाली गैस पाइपलाइन सप्लाई को बंद कर देंगे। अगर यूरोप हमसे तेल खरीद बंद करना चाहता है तो उसे इसकी भरपाई करने में एक साल से ज्यादा समय लगेगा। इस दौरान महंगा तेल खरीदने के लिए भी तैयार रहना होगा।
नोवाक ने कहा कि यूरोपीय देशों को अपने हित के बारे में सोचना चाहिए। हम तो पहले से ही ऐसी स्थिति के लिए तैयार बैठे हैं। अगर हमारी सप्लाई वहां प्रभावित होगी तो हम अन्य मार्केट में सप्लाई शुरू कर देंगे। यूरोप हमसे अपनी जरूरत का 40 फीसदी गैस खरीदता है। हमारी आपूर्ति बंद होने से इसकी भरपाई कैसे करेंगे। फिलहाल हम ऐसा कोई प्रतिबंध लगाने की नहीं सोच रहे, लेकिन यूरोप आगे बढ़ेगा तो हम भी मजबूर हो जाएंगे।
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)ब्लिंकन ने बाल्टिक देशों को नाटो के संरक्षण का भरोसा दिलाया
विल्नुस , । यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तीन बाल्टिक देशों की यात्रा कर रहे अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने लिथुआनिया को सोमवार को नाटो के समर्थन का यकीन दिलाया। सोवियत संघ का हिस्सा रहे लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया अब उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का हिस्सा हैं और ब्लिंकन का लक्ष्य है कि रूस के सैन्य अभियान का विस्तार करने की स्थिति में उन्हें सुरक्षा का पुन: आश्वासन दिया जाए।
ब्लिंकन ने कहा, ‘हम अपनी साझी रक्षा को मजबूत कर रहे हैं ताकि हम और हमारे सहयोगी तैयार रहें।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि नाटो की परस्पर रक्षा संधि के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता अटल है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘अगर हमला किया जाता है तो हम नाटो सदस्य राष्ट्र की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करेंगे।
किसी को भी हमारी तैयारी पर शक नहीं करना चाहिए। किसी को भी हमारे संकल्प पर संदेह नहीं करना चाहिए।’ ब्लिंकन ने बाल्टिक राष्ट्रों की अपनी यात्रा विल्नुस से शुरू की है जहां रूस के हमले को लेकर यूक्रेन के विरोध का लिथुआनिया के लोगों ने समर्थन किया है जो यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाने का संकेत है। लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीटानस नौसेदा ने ब्लिंकन से कहा, ‘दुभार्गय से बाल्टिक क्षेत्र में खराब हो रहे सुरक्षा हालात हम सबके लिए और दुनिया के लिए चिंता का विषय हैं।’
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)यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर चर्चा करेगा यूएनएससी
वाशिंगटन । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक का आयोजन किया।
ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से अब तक 17 लाख से अधिक यूक्रेनियन मध्य यूरोपीय देशों में प्रवेश कर चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र सैन्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए निरंतर राजनयिक प्रयास कर रहा है।
फ्रांस और मैक्सिको ने पिछले हफ्ते संघर्ष के मानवीय प्रभाव को संबोधित करने के लिए यूएनएससी के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस बैठक में इसे औपचारिक रूप दिया कि नही