खाद्य सामग्रियों पर टैक्स भाजपा सरकार का काला दिन
रुद्रपुर। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने कहा है कि भारत सरकार के इतिहास में 18 जुलाई एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा। कहा कि जब आम गरीब आदमी के उपयोग में आने वाले नॉन ब्रॉडेड उत्पादों जैसे आटा, चावल, दूध, दही जैसी वस्तुओं पर टैक्स लगाया जा रहा है। आजादी के बाद देश में पहली बार अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है। इससे पहले कभी भी दाल, चावल, आटा, गेहूं, मैदा, सूजी पर टैक्स नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में ड्राइड लेगुमिनियस वेजिटेबल्स शब्द के सहारे सभी प्रकार के उत्पादों को पांच प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाने का रास्ता साफ कर लिया है। कोविड के बाद से लोग वैसे ही महंगाई और बेरोजगारी से अभी उभर भी नहीं पाए है। गरीब और मध्यम वर्ग के कई ऐसे लाखों परिवार हैं जो अब भी एक-एक दिन के खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में लोगों पर टैक्स लगाकर केन्द्र सरकार ने अब उनकी जेब ही नहीं बल्कि पेट पर भी चोट कर दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में राशनकार्ड डिजीटलीकरण की 22 जुलाई तारीख आ चुकी है, लेकिन विभागीय अधिकारियों के अनुसार अभी संपूर्ण राशनकार्डों का डिजीटलीकरण करने में लंबा वक्त लगेगा।डॉ. उपाध्याय ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार झूठी वाहवाही लूटने के नाम पर आम जनता को भ्रमित कर रही है। सरकार गरीब आदमी के मुंह का दो वक्त का निबाला भी छीनने पर तुली है।