भारतीय टीम के कैरेबियन सफऱ में ख़र्च हुए 3.5 करोड़ रुपये
भारतीय टीम के कैरेबियन सफऱ में ख़र्च हुए 3.5 करोड़ रुपये
पोर्ट ऑफ स्पेन , । इंग्लैंड में एक सफ़ल सीमित ओवर दौरे के बाद भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम कैरेबियन रवाना हुई है जिसके लिये बीसीसीआई ने 3.5 करोड़ रुपये ख़र्च किये हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम एकदिवसीय मैच 17 जुलाई को समाप्त हुआ।आगामी एकदिवसीय श्रंखला के दौरान आराम करने वाले खिलाड़ी अपने-अपने रास्ते चले गये, लेकिन जिन खिलाडिय़ों को वेस्ट इंडीज की यात्रा करनी थी वे एक चार्टर्ड उड़ान के ज़रिये वेस्ट इंडीज़ के लिये रवाना हुए। बीसीसीआई ने भारतीय टीम की मैनचेस्टर से पोर्ट ऑफ स्पेन की उड़ान पर 3.5 करोड़ रुपये ख़र्च किये हैं।
टीम 22 जुलाई से कैरेबियन में तीन एकदिवसीय मैच खेलेगी, जिसके बाद 29 जुलाई से पांच टी20 मैच खेले जाएंगे। नियमित कप्तान रोहित शर्मा, ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या टी20 श्रंखला के लिए टीम में वापसी करेंगे, जबकि विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और युज़वेंद्र चहल को पूरे दौरे के लिये आराम दिया गया है।
बीसीसीआई ने चार्टर्ड फ्लाइट पर 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए, जो भारतीय टीम को मंगलवार दोपहर मैनचेस्टर से पोर्ट ऑफ स्पेन (त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी) ले गई। टीम के लिए चार्टर्ड फ्लाइट बुक करने का कारण कोविड नहीं था। एक वाणिज्यिक उड़ान पर इतने सारे टिकट बुक करना मुश्किल है और भारतीय दल में मुख्य कोच राहुल द्रविड़ सहित 16 खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के सदस्य शामिल हैं। कुछ खिलाडिय़ों की पत्नियों ने भी कैरेबियन की यात्रा की है।
सूत्र ने कहा कि यह एक वाणिज्यिक विमान के बजाय एक चार्टर्ड उड़ान बुक करना तर्कसंगत था क्योंकि दुनिया के शीर्ष फुटबॉल क्लबों में भी यह चलन आम है। सूत्र ने कहा, आम तौर पर एक व्यावसायिक उड़ान में लगभग दो करोड़ रुपये खर्च होते। मैनचेस्टर से पोर्ट ऑफ स्पेन के लिए एक बिजनेस क्लास का टिकट लगभग दो लाख रुपये होगा। एक चार्टर्ड उड़ान अधिक महंगी है, लेकिन यह एक तार्किक विकल्प है। अधिकांश शीर्ष फुटबॉल टीमों के पास अब एक चार्टर प्लेन है।
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)अभी बाकी है प्रीमियर लीग का रोमांच
नयी दिल्ली । एक दिन के विश्राम के बाद 22 जुलाई को दिल्ली फुटबाल प्रीमियर लीग के दो ऐसे महत्वपूर्ण मुकाबले खेले जाने हैं, जिनसे आगे की तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी। पहला मैच वाटिका और भारतीय वायु सेना के बीच, जबकि दूसरा दिल्ली एफसी और उत्तराखंड में खेला जाएगा।
वाटिका पहली बार दिल्ली लीग में प्रविष्ट हुई है। एक जीत और एक हार के साथ वाटिका आगे की दौड़ के लिए तैयार नजर आती है। हालांकि उसे दिल्ली के चैंपियन दिल्ली एफसी के हाथों करीबी हार का सामना करना पड़ा लेकिन उस मैच में वाटिका का पलड़ा कमजोर कदापि नहीं था। भारतीय वायुसेना दो जीत से सुदेवा क्लब के साथ टॉप पर चल रही है। गढ़वाल एफसी ने एक जीत और एक ड्रा से अपने प्रशंसकों को उम्मीद जगाई है लेकिन दिल्ली एफ सी की तरह गढ़वाल की भी असल परीक्षा होनी बाकी है।
हिंदुस्तान, फ्रेंड्स यूनाइटेड और तरुनसंघा की हालत खराब है। खासकर तरुनसंघा अधिकाधिक गोल खाने की ओर बढ़ती नजर आती है। वायुसेना की उड़ान ऊंचाई पर है तो उत्तराखंड उलटफेर करने के मूड में है। इन सबके बीच युवा खिलाडिय़ों से सजे सुदेवा दिल्ली एफसी को कमतर आंकना भूल होगी। रॉयल रेंजर्स और रेंजर्स क्लब भी हवा बदल सकते हैं।
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)बीसीसीआई संविधान संशोधन मामले में 28 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को बीसीसीआई के संविधान में संशोधन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। मांगे गए संशोधन की अनुमति मिलने पर बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली, बोर्ड सचिव जय शाह और अन्य पदाधिकारी 2025 तक सत्ता में बने रह सकते हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह को इस मामले में नया न्यायमित्र नियुक्त किया है।
मनिंदर सिंह ने पीएस नरसिम्हा द्वारा पिछले साल खाली किए गए न्यायमित्र का पद संभाला, जिन्हें 2021 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत दिया गया था। बीसीसीआई के नए संविधान को अंतिम रूप देने और बोर्ड चुनावों की सुविधा के लिए प्रशासकों की समिति (सीओए) की मदद करने के लिए अदालत ने 2019 में न्यायमूर्ति नरसिम्हा को न्याय मित्र नियुक्त किया था, जिन्होंने अंतत: 23 अक्टूबर 2019 को पदभार संभाला था। उन्होंने अदालत द्वारा नियुक्त सीओए द्वारा 30 महीने की निगरानी समाप्त कर दी गई, जिसने आरएम लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों का उपयोग करते हुए बीसीसीआई के नए संविधान का ड्राफ़्ट तैयार किया था, जिसे जुलाई 2016 में एक ऐतिहासिक फ़ैसले में अदालत द्वारा अनिवार्य किया गया था।
बीसीसीआई ने अप्रैल 2020 में एक दूसरा एप्लिकेशन दायर किया जहां उसने तर्क दिया कि अनिवार्य कूलिंग ऑफ़ पीरियड (तीन वर्ष) जिसे एक पदाधिकारी को लगातार दो कार्यकाल (छह वर्ष) पूरा करने पर सामना करना पड़ता है, इसकी समीक्षा करने की आवश्यकता है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने लोढ़ा समिति की सिफ़ारिश के आधार को बरकऱार रखते हुए अपने 2018 के फ़ैसले में कूलिंग ऑफ़ पीरियड क्लॉज़ (तीन साल से छह साल) को पहले ही बदल दिया था। उनके फै़सले ने एक पदाधिकारी को नौ साल (छह साल के बाद अनिवार्य कूलिंग ऑफ़ पीरियड) के अधिकतम कार्यकाल को बरकऱार रखते हुए राज्य संघ या बोर्ड या दोनों के संयोजन में अलग-अलग लगातार दो कार्यकाल (छह वर्ष) की सेवा करने की अनुमति दी।
इसके बजाय बीसीसीआई चाहता है कि इस विनिर्देश को बदल दिया जाए ताकि एक पदाधिकारी को एक बार में छह साल की सेवा (या तो बीसीसीआई या राज्य संघ) की अनुमति दी जा सके, बजाय इसके कि राज्य और बीसीसीआई स्तर पर भूमिकाओं का संयोजन भी शामिल हो।
जैसा कि स्थिति है, बोर्ड के सभी पांच पदाधिकारियों ने अपने-अपने राज्य संघों और बीसीसीआई में पदों पर रहते हुए पहले ही छह साल पूरे कर लिए हैं। जिनमें अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, अरुण धूमल (कोषाध्यक्ष), जयेश जॉर्ज (संयुक्त सचिव) और राजीव शुक्ला (उपाध्यक्ष) शामिल हैं। हालांकि, कानूनी सलाह लेने के बाद, गांगुली प्रशासन अपने पोजि़शन पर बना हुआ है और चाहता है कि अदालत मांगे गए संशोधनों पर फ़ैसला करे।
परिणाम बीसीसीआई के लिए विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, जिसमें बोर्ड के चुनाव भी शामिल हैं जो उस वर्ष के अंत में होने वाले हैं जब गांगुली का प्रशासन तीन साल का अपना पहला कार्यकाल पूरा करेगा।
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(यूजीन)वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा, 88.39 मीटर दूर फैंका भाला
यूजीन । टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर कमाल किया है। नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2022 में अपने पहले थ्रो में 88.39 मीटर की दूसरी तय कर फाइनल में प्रवेश कर लिया है।
रविवार को वह पदक के लिए भारतीय समयानुसार 7 बजकर 05 मिनट पर मैदान पर उतरेंगे। फाइनल के लिए ऑटोमेटिक चलीफाई करने के लिए खिलाड़ी को कम से कम 83.50 मीटर की दूरी तय करनी थी और नीरज ने इससे कई ज्यादा दूर तर कर फाइनल में अपनी जगह पक्की की। नीरज चोपड़ा का थ्रो ग्रुप ए में शामिल अन्य प्रतियोगियों से बेस्ट था। उनसे ज्यादा दूरी कोई खिलाड़ी तय नहीं कर पाया।
रविवार को भारत के इस गोल्डन ब्वॉय की निगाहें अपने पहले सीनियर विश्व चैंपियनशिप पदक पर होगी। नीरज चोपड़ा के अलावा चेक गणराज्य के ओलंपिक रजत पदक विजेता जैकब वाडलेज भी 85.23 मीटर के अपने पहले प्रयास के थ्रो के साथ फाइनल में डायरेक्ट पहुंच गए हैं। इन दोनों के अलावा कोई भी खिलाड़ी 83.50 मीटर के मार्क को पार नहीं कर पाया।
अगर ओरेगॉन में नीरज चोपड़ा जीतते हैं तो वह 2008-09 में नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसन के बाद ओलंपिक और विश्व खिताब जीतने वाले पहले पुरुष भाला फेंकने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे।
वहीं अगर नीरज रविवार को मेडल जीतने में कामयाब रहते हैं तो वह 19 साल का मेडल का सूखा खत्म कर देंगे। भारत को आखिरी बार वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में मेडल जिताया था। अंजू बॉबी जॉर्ज ने तब ब्रोन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था।
पिछले महीने अपना 2022 सीजन शुरू करने वाले नीरज तीन टूर्नामेंट में दो बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। उन्होंने इस सीजन की शुरुआत फिनलैंड के पावो नुर्मी खेलों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए सिल्वर मेडल जीतकर की थी।
इसके बाद उन्होंने कुओरटाने खेलों में गोल्ड मेडल, जबकि स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने दोबारा राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए 89.94 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।