नया जोशीमठ बसाना पड़ेगा यह सोचना जल्दबाजी: शंकराचार्य
श्रीनगर गढ़वाल। ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि जोशीमठ को बचाने के लिए आध्यात्मिक एवं धर्मशास्त्र विधा से बचाने का उपाय किया जा रहा है। कहा इसके लिए जोशीमठ में धार्मिक अनुष्ठान (जोशीमठ रक्षा महायज्ञ) का शुभारंभ कर दिया गया है। जोशीमठ की जनता कहीं नहीं जाना चाहती है। वह जोशीमठ में ही रहना चाहते हैं। इसलिए सरकार को जोशीमठ का ट्रीटमेंट करना चाहिए। कुछ व्यापारी वर्ग ही विभिन्न कारणों से वन टाइम सेटलमेंट की बात कर रहा है। श्रीनगर में सामाजिक कार्यकर्ता भोपाल सिंह चौधरी के आवास पर ठहरे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि अनियोजित विकास से उत्तराखंड में ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं। कहा अनियोजित विकास विनास को आमंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लोगों की समस्या को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में भी यह मामला होने की बात कही है। कहा उन्होंने नैनीताल हाईकोर्ट से इस मामले की सुनवाई करने का अनुरोध किया है। कहा ज्योर्तिमठ एक विचार है, संदेश है वह बना रहेगा। भवन में दरार आएगी तो दूसरा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को जोशीमठ के प्रभावित लोगों के विस्थापन के लिए ठोस नीति घोषित करनी चाहिए। कहा जो रूकना चाहते हें उनके संरक्षण के लिए उपाय होने चाहिए। जिससे लोग एक रास्ता पकड़ सकें। उन्होंने कहा कि नया जोशीमठ बसाना पड़ेगा यह सोचना जल्दबाजी होगा। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लोगों को राहत शिविर में जाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन शिविर उसी क्षेत्र में हैं जहां समस्या है तो ऐसे में बचाव कैसे होगा। केवल कागज पर लाने के लिए यह सब हो रहा है। मौके पर कमलेश्वर महादेव मंदिर के मंहत आशुतोष पुरी, भोपाल चौधरी आदि मौजूद रहे।